युवा खानपान में सावधानी बरते
लखनऊ | एजेंसी: हृदय रोगों से पीड़ित भारतीयों की बढ़ती तादाद के बीच जीवनशैली व खान-पान की आदतों में बदलाव आज की जरूरत बन गई है. चिकित्सकों का कहना है कि युवाओं को समय रहते ही खानपान को लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता है, वरना अगले 10 वर्षों में देश की आबादी लगभग 20 फीसदी लोगों को हृदय से संबंधित बीमारी से ग्रसित होने की आशंका है.
डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ़ भुवन सी. तिवारी ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक हृदय ही है जिस पर सबसे ज्यादा बोझ पड़ता है. तनाव, थकान, प्रदूषण आदि कई वजहों से खून का आदान-प्रदान करने वाले इस अति महत्वपूर्ण अंग को अपना काम करने में मुश्किल होती है.
डॉ. तिवारी ने बताया कि युवाओं में हृदयाघात और हृदय संबंधी बीमारियों के बढ़ने का प्रमुख कारण धूम्रपान और मशालेदार एवं तली भुनी चीजों का अधिक मात्रा में सेवन करना है. इससे बचने के लिए रेशायुक्त भोजन करना चाहिए और व्यायाम को नियमित दिनचर्या का अंग बनाना अति आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि पहले जहां 30 से 40 वर्ष तक के बीच हृदय की समस्याएं आंकी जाती थीं, आज यह 20 वर्ष से कम उम्र के लोगों में भी होने लगी है. ऐसे में हृदय की समस्याओं से बचने का एक ही उपाय है कि लोग खुद अपनी कुछ सामान्य जांच कराएं और हृदय संबंधी सामान्य समस्याओं को भी गंभीरता से लें.
उन्होंने कहा कि अगले पांच से 10 सालों में भारतीय आबादी का करीब 20 प्रतिशत हिस्सा इससे प्रभावित होगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 तक भारत में मौतों और विकलांगता की सबसे बड़ा वजह हृदय से संबंधित रोग ही होंगे.
हृदय के साथ होने वाली छेड़छाड़ का ही नतीजा है कि आज विश्व भर में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ गई है. एक अनुमान के अनुसार, भारत में 10. 2 करोड़ लोग इस बीमारी की चपेट में हैं. पूरी दुनिया में हर साल 1.73 करोड़ लोगों की मौत इस बीमारी की वजह से हो जाती है और यदि हालातों पर काबू नहीं किया गया तो 2020 तक हर तीसरे व्यक्ति की मौत हृदय रोग से होगी.
चिकित्सकों के मुताबिक जीवनशैली व खान-पान में बदलाव लाकर हृदय रोगों से छुटकारा पा सकते हैं. इससे बचने के लिए मशालेदार व अधिक तली भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आजकल लोग अधिकतर समय कार्यालय में सिर्फ बैठकर अपना काम करते हैं. इस स्थिति में शरीर निष्क्रिय जीवनशैली का आदी बन जाता है. आज के युवा कार्यालय में तो बैठे बैठे काफी पीते हैं और फिर घर पर भी रात को देर तक टेलीविजन देखकर सुबह देर से जगते हैं और व्यायाम नहीं करते हैं. ऐसे में हृदय रोगों की आहट आना लाजमी है.
चिकित्सकों की मानें तो मधुमेह और हाइपरटेंशन के मरीजों को शुगर तथा रक्त चाप पर नियंत्रण रखना चाहिए. एक सप्ताह में कम से कम पांच दिन व्यायाम जरुरी है. तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए. वसायुक्त भोजन का सेवन न करें साथ ही ताजे फल एवं सब्जियों का सेवन करना चाहिए. चिकनाई युक्त पदार्थ नहीं खाना चाहिए. चिकित्सक रचनात्मक और मनोरंजनात्मक कायरें में मन लगने की भी सलाह देते हैं.
बलरामपुर अस्पताल के योग विशेषज्ञ एऩ एल़ यादव कहते हैं कि तनाव के कारण मस्तिष्क से जो रसायन स्रावित होते हैं वे हृदय की पूरी प्रणाली को खराब कर देते हैं. तनाव से उबरने के लिए योग का भी सहारा लिया जा सकता है. हृदय हमारे शरीर का ऐसा अंग है जो लगातार पंप करता है और पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को संचालित करता है. प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे तक व्यायाम करना हृदय के लिए अच्छा होता है.