ईमानदारी से काम करें
अपने जन्मदिन के अवसर पर सायना ने कहा ईमानदारी तथा पूरी क्षमता से कार्य करें. विश्व बैडमिंटन के महिला एकल में शीर्ष पद पर काबिज रह चुकीं भारत की दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल का कहना है कि उनके जन्मदिन का सबसे खास तोहफा उन्हें हैदराबाद और बेंगलुरु में बैडमिंटन अकादमी के खिलाड़ियों से मिलने वाला प्यार रहा है.
सायना का जन्म 17 मार्च 1990 को हरियाणा के हिसार में हुआ था. वह गुरुवार को 26 साल की हो जाएंगी.
सायना इस वक्त स्विट्जरलैंड के बासेल में स्विस ओपन में हिस्सा ले रही हैं. वह 2011 और 2012 में इस खिताब को जीत चुकी हैं.
सायना से उनके जन्मदिन पर कुछ खास सवाल पूछे जिनका संबंध उनके खेल के साथ साथ परिवार और उनकी पसंद-नापसंद से था. उनसे पूछा गया कि वह अपने इस जन्मदिन को कैसे मनाएंगी, तो उन्होंने कहा, “मैं बासेल में स्विस टूर्नामेंट में खेल रही हूं, तो सबसे पहले मैं इसे जीतना चाहूंगी.”
स्विस ओपन का आयोजन हर साल मार्च में ही होता है और इस दौरान सायना यहां प्रतियोगिता में व्यस्त रहती हैं. उन्होंने बताया कि स्विट्जरलैंड में उनके शुभचिंतक और प्रशंसक केक बांट कर उनका जन्मदिन मनाते हैं.
अपने अब तक मनाए गए जन्मदिन पर मिले सबसे बेहतरीन तोहफे के बारे में सायना ने कहा, “हैदराबाद और बेंगलुरु में बैडमिंटन अकादमी के खिलाड़ियों का प्यार मिलना मेरे लिए सबसे बड़ा तोहफा है.”
सायना के नाम ऐसी कई उपलब्धियां हैं जिससे उन्होंने स्वयं को ही नहीं बल्कि भारत को भी अंतर्राष्ट्रीय खेल जगत में एक नई पहचान दिलाई है.
सायना से पूछा गया कि बैडमिंटन न खेलने के दौरान वह क्या करती हैं? उन्होंने बताया, “छुट्टियों के दौरान मैं अच्छी नींद लेती हूं, फिल्में देखती हूं और दोस्तों से भी मिलती हूं.”
हाल ही में सायना ने अपने ट्विटर अकाउंट पर अपने माता-पिता के साथ एक फोटो साझा की, जिस पर लिखा गया, “प्रत्येक सफल महिला के पीछे उसके परिवार का हाथ होता है, जो समाज की न सुनकर उस पर विश्वास करता है.”
इस पोस्ट के बारे में जब सायना से पूछा गया, तो उन्होंने बताया, “मेरा मतलब है कि एक बच्चे के पूर्ण रूप से विकास के लिए परिवार का साथ होना बेहद जरूरी है. जीवन में कई बार असफल होने पर मेरे परिवार ने मुझे संभाला. मेरे लिए हार के बाद लोगों का सामना करना काफी मुश्किल हो जाता था, लेकिन मेरे परिवार ने मेरा समर्थन किया.”
सायना ने कहा कि परिवार के समर्थन से ही उन्होंने अपनी हार से संभलकर नई ऊर्जा और उत्साह के साथ आगे बढ़ना सीखा और सफलता हासिल की. इस सफलता से समाज में उन्हें सम्मान मिला.
लंदन में आयोजित 2012 ओलम्पिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी सायना से पूछा गया कि वह तनाव को दूर करने के लिए क्या करती हैं? उन्होंने कहा, “मुझे तनाव पसंद नहीं है. अगर कभी ऐसा महसूस होता है, तो उससे उबरने के लिए मैं अपने साथी खिलाड़ियों के साथ हंसी-मजाक करती हूं, उन्हें छेड़ती और परेशान करती हूं.”
सायना के जीवन में उनके प्यारे कुत्ते चॉप्सी की भी खास जगह है. उनसे जब पूछा गया कि टूर्नामेंट से घर पहुंचने के बाद वह कैसा व्यवहार करता है? इस पर बैडमिंटन खिलाड़ी ने कहा, “वैसे तो हर रोज शाम को जब मैं घर फोन करती हूं, तो वह फोन के करीब आकर आवाज करता है. लेकिन, जब घर पहुंचती हूं तो वह एक कोने में चुप होकर बैठ जाता है.”
सायना नेहवाल वर्तमान में विश्व बैडमिंटन रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज हैं. अगले 10 वर्षो में वह अपने आप को कहां देखती हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा, “यह मेरी प्रगति, स्वास्थ्य और मेरे प्रशिक्षकों के साथ मेरे कठिन परिश्रम पर निर्भर है. ”
अपने जन्मदिन पर अपने प्रशंसकों और शुभचिंतकों के लिए सायना ने अपने संदेश में कहा, “आप जो भी काम कर रहे हैं, कृपया उसे लेकर ईमानदार रहें और अपनी क्षमता के अनुसार बेहतरीन काम करने की कोशिश करें.”