राष्ट्र

हाफिज़-वैदिक मुलाकात का राज

नई दिल्ली | संवाददाता: हाफिज़ सईद के साथ वेद प्रताप वैदिक के संबंधो पर राज्यसभा में हंगामा हुआ. सोमवार को भारत के मोस्ट वांटेंड आतंकवादी हाफिज़ सईद के साथ रामदेव के करीबी पत्रकार वेद प्रताप वैदिक की 2 जुलाई को पाकिस्तान में हुई मुलाकात पर विपक्षी दलों ने हंगामा खड़ा कर दिया.

पूर्वाह्न् 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इस मुद्दे पर हंगामा हुआ, जिसके कारण सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी. कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी सदस्यों ने विरोध जारी रखा और वैदिक तथा सईद की मुलाकात को लेकर सवाल उठाए.

दिग्विजय सिंह, आनंद शर्मा और अंबिका सोनी सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने इस पर सवाल उठाए और प्रश्नकाल नहीं चलने दिया. उन्होंने सरकार से इस पर जवाब मांगा.

कांग्रेस ने सवाल उठाया कि क्या वैदिक को एक दूत के रूप में भेजा गया था, और फिर इसके लिए उचित प्रक्रिया क्यों नहीं अपनाई गई.

नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि वैदिक ने अपने को दूत बताया हैं, जो कि एक वरिष्ठ पत्रकार भी हैं.

उन्होंने सवाल उठाया, “यह सर्वाधिक आश्चर्यजनक है कि वैदिक खुद को दूत कहते है. उन्हें इस मिशन पर किसने भेजा था?”

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, “यह छोटा मुद्दा नहीं है. वह सिर्फ पत्रकार नहीं हैं. यह व्यक्ति दूत होने का दावा करता है. यह मुलाकात बिना अधिकारियों को सूचित किए नहीं हो सकती. विदेश मंत्रालय को इस पर बयान जारी करना होगा.”

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रूपष्ट किया कि वैदिक को सरकार के प्रतिनिधि के रूप में नहीं भेजा गया था.

जेटली ने कहा, “जहां तक सरकार की बात है, हाफिज सईद एक आतंकवादी है. कोई पत्रकार अपने स्तर पर उससे से मिलता है, तो इससे भारत सरकार का कुछ लेना-देना नहीं है.”

सभापति एम.हामिद अंसारी ने सदस्यों को शांत करने की कोशिश की और कहा कि वैदिक ने अगर कोई अनधिकृत काम किया है तो कानून इस मामले में अपने तरीके से काम करेगा.

शोर शराबे के बीच सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इन दिनों भारतीय राजनीति पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज़ सईद के साथ वेद प्रताप वैदिक के मुलाकात को लेकर गर्म है जिसका असर राज्यसभा में भी देखने को मिल रहा है.

कांग्रेस तथा विपक्षी दल इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने के फिराक में है. लाख टके का सवाल यह है कि आखिरकार एक भारतीय पत्रकार ने भारत के मोस्ट वांटेंड आतंकवादी हाफिज़ सईद के साथ मुलाकात क्यो की ?

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