विनोद वर्मा को जमानत मिली
रायपुर । संवाददाता: वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को जमानत मिल गई है. सीबीआई की स्थानीय अदालत ने 60 दिन में चालान पेश नहीं होने को आधार बनाते हुये उन्हें जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिये हैं. हालांकि अभी भी आशंका जताई जा रही है कि जमानत पर रिहाई के बाद उन्हें सीबीआई आईटी एक्ट के तहत दर्ज एक अन्य मामले में फिर से गिरफ्तार कर सकती है. लेकिन सीबीआई या स्थानीय पुलिस ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी नहीं की है.
इधर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और विधायक भूपेश बघेल ने कहा है कि पत्रकार विनोद वर्मा बाइज्जत बरी होंगे. उन्होंने विनोद वर्मा की जमानत पर कहा कि सरकार के पास विनोद वर्मा के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि विनोद वर्मा को केवल इसलिये गिरफ्तार किया गया था क्योंकि वे कांग्रेस पार्टी की मदद कर रहे थे.
गौरतलब है कि विनोद वर्मा को 27 अक्टूबर को तड़के छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार के मंत्री राजेश मूणत से जुड़ी एक कथित सेक्स सीडी के मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने ग़ाज़ियाबाद से गिरफ़्तार किया था. पुलिस ने तड़के साढे तीन बजे के आसपास उत्तरप्रदेश और दिल्ली की पुलिस के साथ वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा के महुगण मेंशन स्थित फ्लैट को घेरा और फिर विनोद वर्मा को गिरफ़्तार कर लिया.
उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस सड़क मार्ग से गाजियाबाद से लेकर रायपुर पहुंची और 29 अक्टूबर रविवार को रायपुर की अदालत में पेश किया गया, जहां पुलिस ने उन्हें तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था. इसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया था, इसके बाद से वे न्यायिक हिरासत में रायपुर सेंट्रल जेल में हैं.
हाईकोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सीबीआई को भी इस मामले में पक्षकार बनाने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया था. इसके बाद जमानत पर सुनवाई के लिये जनवरी की तारीख तय की गई है. इस बीच इस महीने 60 दिन की मियाद पूरी होने पर सीबीआई द्वारा चालान पेश नहीं करने को आधार बना कर विनोद वर्मा को जमानत मिल गई.
हालांकि आज जमानत मिलने के बाद वकीलों को इस बात की भी आशंका है कि श्री वर्मा के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज है और उसमें अभी तक विनोद वर्मा की गिरफ्तारी नहीं की गई है. इस मामले में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और विधायक भूपेश बघेल को भी आरोपी बनाया गया है. ऐसे में इन लोगों की गिरफ्तारी का विकल्प सीबीआई के पास बचा रहेगा.
इधर इस पूरे मामले में सीबीआई ने पिछले सप्ताह भर से अपनी जांच तेज कर दी है. स्थानीय पत्रकारों और कुछ राजनीतिक दल से जुड़े लोगों से भी सीबीआई ने अपनी पूछताछ की है.