छत्तीसगढ़ में उत्तर से दक्षिण तक हाथी मचा रहे तबाही
रायपुर| संवाददाताः छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मानव-हाथी टकराव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अब हाथी ऐसे इलाके में पहुंच रहे हैं, जहां उनका आना-जाना नहीं था या कम था.रहवासी इलाकों में हाथियों के पहुंचने से ग्रामीणों में भय का माहौल है.
दो साल पहले भारत सरकार के उपक्रम वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने चेतावनी दी थी कि हसदेव अरण्य में एक भी नया खदान खोलने से मानव-हाथी द्वंद्व इस हद तक बढ़ेगा कि सरकार उसे संभाल नहीं पाएगी.
लेकिन सरकार ने इस चेतावनी की अनदेखी की और हालत ये है कि राज्य में उत्तर से लेकर दक्षिण तक हाथी फसलों को तबाह कर रहे हैं. घरों को उजाड़ रहे हैं. लोगों पर हमला कर रहे हैं.
गरियाबंद ज़िले के कई इलाकों में स्थिति ऐसी हो गई है कि ग्रामीण अपने घरों में भी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं. यहां के ग्रामीण जान बचाने के लिए पक्के मकानों की छतों का सहारा ले रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद, रायगढ़, अंबिकापुर, मनेन्द्रगढ़, बिलासपुर सहित कई जिलों में हाथियों का झुंड इन दिनों डेरा जमाए हुए हैं. हाथियों का दल दिन भर खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचाने के बाद रात में गांवों में भटकता फिर रहा है.
कब किस जगह हाथी मिल जाए, इस डर से ग्रामीण काम धंधे पर भी नहीं जा पा रहे हैं.
मैनपुर में ग्रामीण छत पर गुजार रहे रात
गरियाबंद जिले के मैनपुर इलाके में इन दिनों 45 हाथियों का एक झुंड विचरण कर रहा है.
हाथियों का दल क्षेत्र के सिकासेर के सीहार, फरसरा, लुठापारा, धोबीपारा आदि गांवों में घूम रहा है.
ग्रामीणों ने बताया कि इस झुंड में हाथियों के तीन शावक भी हैं. ये शावक इतने छोटे हैं कि कहीं आ-जा नहीं सकते. इसलिए उन्हें सुरक्षा देने हाथी कई दिनों से वहीं डटे हुए हैं.
दिन में हाथियों का दल खेतों में फसलों को चौपट कर रहा है. वहीं रात होते ही गांवों में घुस कर उत्पात मचा रहा है.
इन हाथियों के कारण पूरा गांव शाम होते ही छतों पर चढ़ जाता है.
जिसके पास पक्का मकान नहीं है वे दूसरों की छतों का सहारा ले रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि कई दिन हाथी दिन में भी गांव में घुस आते हैं. इससे घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया है.
रायगढ़ में सैकड़ों एकड़ फसल को रौंदा
रायगढ़ जिले के दो वन मंडल धरमजयगढ़ और रायगढ़ में 158 हाथियों का दल घूम रहा है.
यहां हाथियों का दल लगातार फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है.
पिछले कुछ दिनों में हाथियों ने इलाके के सैकड़ों एकड़ फसल को रौंद कर बर्बाद कर दिया है.
ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों ने धरमजयगढ़ वन मंडल के सेमीपाली, मेडरमार, सिरकी, रैरूमा, सोनपुर, तेजपुर, बेहरामुड़ा, लामीखार, कुरोपहरी, ढोढ़गांव, खड़गांव, लाहड़ापानी, कटईपाली सी, ससकोबा, जबगा, चरखापारा, करवारजोर, कोयलार, खम्हार सहित कई गांवों में फसलों को रौंद दिया है.
इसी तरह रायगढ़ वन मंडल के चारमार, भेंगारी, छर्राटांगर, अमलीडीह, सामारूमा, सराईपाली, बरौद, बटुराकछार, चीमटापानी, दनौट, फूलीकुंडा, कया, कमतरा, खुरूजखोल, कांटाझरिया में भी हाथियों ने फसलों को रौंदा है.
किसानों की शिकायत पर वन विभाग ने नुकसान का आकलन किया है.
पीड़ित किसानों को तत्काल मुआवजा देने की बात विभाग कह रहा है.
हाथियों को भगाने जान जोखिम में डाल रहे ग्रामीण
हाथियों तो भगाने के लिए ग्रामीण तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं.
इसके लिए कई बार ग्रामीण अपनी जान को भी जोखिम में डाल रहे हैं.
पिछले दिनों रायगढ़ से एक वीडियो सामने आया था कि हाथियों को खदेड़ने के लिए ग्रामीण एक ट्रैक्टर पर बैठकर हाथियों को दौड़ाते हुए दिखाई दे रहे थे.
रात के अंधेरे में आगे-आगे हाथियों का झुंड दौड़ रहा था और पीछे-पीछे गांव वाले ट्रैक्टर में सवार थे.