विजय माल्या का पासपोर्ट suspended
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: विजय माल्या का पासपोर्ट चार सप्ताह के लिये निलंबित कर दिया गया है. यदि विजय माल्या एक सप्ताह के अंदर उत्तर नहीं देते हैं तो उनका पासपोर्ट जब्त किया जा सकता है. कर्ज नहीं चुकाने के मामले में फंसे उद्योगपति विजय माल्या का कूटनीतिक पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से चार सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया है. यह घोषणा शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने की. माल्या अभी ब्रिटेन में हैं. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि यदि विजय माल्या एक सप्ताह के अंदर उत्तर नहीं देते हैं तो उऩका पासपोर्ट जब्त किया जा सकता है. विदेश मंत्रालय ने यह कदम एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट के अनुशंसा पर उठाया है.
गौरतलब है कि इससे पहले वितंतमंत्री अरुण जेटली ने आश्वासन दिया था कि माल्या से उस ऋण की पाई-पाई वसूली जाएगी, जो उन्होंने सरकारी बैंकों से लिया है.
Statement of Official Spokesperson on the Passport of Mr. Vijay Mallya
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने कर्ज नहीं चुका पाने के मामले में फंसे उद्योगपति विजय माल्या को भारत व विदेशों में स्थित उनकी सभी संपत्तियों -चल और अचल, मूर्त और अमूर्त- व अन्य शेयरधारिताओं तथा लाभकारिता हितों का 21 अप्रैल तक खुलासा करने का निर्देश दिया था. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरिमन की पीठ ने माल्या को उन सभी संपत्तियों व परिसंपत्तियों के बारे में बताने के लिए कहा है, जो उनकी पत्नी व बच्चों के नाम पर है. अदालत ने वह तारीख बताने के लिए भी कहा, जिस दिन वह व्यक्तिगत रूप से अदालत के समक्ष पेश हो सकते हैं.
भारतीय स्टेट बैंक नेतृत्व में 14 बैंकों के एक संघ ने अदालत को बताया था कि उसने माल्या के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने अपने 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि को सितंबर तक 4,000 करोड़ रुपये देकर निपटाने की बात कही है.
बैंकों ने यह लोन उनकी विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को दिया था.
बैंकों ने अदालत से कहा कि माल्या से छह अप्रैल की शाम मिला संशोधित प्रस्ताव भी ठुकरा दिया गया है.
माल्या ने 30 मार्च को प्रस्ताव दिया था कि वह सितंबर तक 4,000 करोड़ रुपये नकद भुगतान करेंगे. इसके अलावा वह 2,000 करोड़ रुपये और देंगे, जो उन्हें बहुराष्ट्रीय कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक के विरुद्ध दाखिल किए गए एक मामले में मिलने की उम्मीद है.
अदालत ने ओरिएंटल बैंक की भी एक याचिका स्वीकार कर ली. ओरिएंटल बैंक ने कहा कि वह एसबीआई के नेतृत्व वाले संघ का हिस्सा नहीं है, लेकिन दो अन्य संघों का हिस्सा है, जिसने माल्या को ऋण दिया है.
एसबीआई के नेतृत्व वाले संघ ने अदालत में कहा कि वह निपटारा करने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए माल्या की संपत्तियों का वाजिब खुलासा होना जरूरी है.
एसबीआई के अलावा किंगफिशर को ऋण देने वाले अन्य बैंकों में शामिल हैं बैंक ऑफ बड़ौदा, फेडरल बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, आईडीबीआई बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंद बैंक, यूको बैंक और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया.