ट्रंप को कोर्ट का झटका, आदेश पर रोक
नई दिल्ली | संवाददाता: अमरीकी कोर्ट ने राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश पर रोक लगा दी है. द अमरीकन सिविल लिबर्टीज़ यूनियन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुये ब्रुकलिन की फेडरल कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शरणार्थियों को निर्वासित करने के कार्यकारी आदेश पर अस्थाई रोक लगा दी है. यूएस कोर्ट इस मामले में फरवरी माह में अगली सुनवाई करेगा. इसे आक्रमक रुख वाले अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कोर्ट के झटके के रूप में देखा जा रहा है. न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार इससे विदेशों से शनिवार को आये लोगों को निर्वासित करने की प्रक्रिया पर रोक लग गई है.
मानवाधिकार समूह का अनुमान है कि हवाई अड्डों पर और यात्रा के क्रम में 100 से 200 के बीच लोगों को हिरासत में लिया गया है.
इमिग्रेंट्स राइस्ट प्रोजेक्ट के डिप्टी लीगल डायरेक्टर ली गेलेंर्ट ने कोर्ट के बाहर लोगों को बताया, “जज ने सरकार जो कर रही है उसे देखा और हम जो चाहते थे हमें वो दिया. हम ट्रंप के आदेश पर और सरकार के ऐसे लोगों को हिरासत में लेने पर रोक चाहते थे जो आये थे और देशभर में इस आदेश से फंस गए थे.”
गौरतलब है कि अमरीकी राष्ट्रपति ने सात मुस्लिम देशों के शरणार्थियों के अमरीका आने पर 120 दिनों के लिये रोक लगा दी थी. उन्होंने इस्लामिक आतंकियों के अमरीका आने पर रोक लगाने के लिये यह पाबंदी लगाई है. ट्रंप ने कहा था, “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम उन खतरों को अपने देश में न आने दें, जिनसे हमारे सैनिक विदेशों में लड़ रहे हैं. हम सिर्फ उन्हीं को अपने देश में आने देना चाहते हैं, जो हमारे देश को सहयोग देंगे और हमारी जनता से गहरा प्रेम करेंगे.”
इस आदेश के माध्यम से अमरीका में सात देशों इराक, सीरिया, ईरान, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन के शरणार्थियों के प्रवेश को 120 दिनों के लिये निलंबित कर दिया गया है.
इस शासकीय आदेश ‘विदेशी आतंकी के अमरीका में प्रवेश से देश की सुरक्षा’ में कहा गया है कि 9/11 के बाद अमरीका ने जो कदम उठाये थे, वे आतंकियों का देश में प्रवेश रोकने में कारगर नहीं रहे हैं. इसमें कहा गया है कि विदेशों में जन्मे बहुत से लोगों को 11 सितंबर 2001 के बाद से आतंकवाद संबंधी गतिविधियों में या तो दोषी करार दिया गया है या आरोपी बनाया गया है.
डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के मुख्य बिंदु
* अमरीका में शरणार्थियों को शरण देने पर 120 दिनों की रोक.
* सीरियाई शरणार्थियों पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध.
* सात मुसलमान बहुल देशों- इराक़, सीरिया, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सुडान और यमन से आने वाले लोगों पर 90 दिनों के लिये रोक. इस रोक में यूएन वीज़ा और राजनयिक वीज़ा शामिल नहीं.
* अपने देशों में दमन का सामना कर रहे धार्मिक अल्पसंख्यकों को वरीयता दी जाएगी. ट्रंप ने खास तौर पर सीरियाई ईसाइयों का ज़िक्र किया.
* 2017 में अधिकतम 50 हज़ार प्रवासी स्वीकार किए जाएंगे. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यह सीमा एक लाख दस हज़ार तय की थी.
* कुछ विशेष मामलों में छूट दी जा सकती है.