अब यूजीसी पर बोले मनीष तिवारी
नई दिल्ली | एजेंसी: कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने दिल्ली विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के बीच जारी विवाद को लेकर सोमवार को कहा कि पूरे मुद्दे में अंहकार हावी है. विश्वविद्यालय में स्नातक पाठ्यक्रमों की अवधि चार से तीन साल करने के डीयू को दिए गए यूजीसी के सख्त आदेश का जिक्र करते हुए मनीष ने कहा, “मुझे यह अहंकार का मामला लगता है.”
मनीष ने कहा, “आखिरकार छात्रों का करियर दांव पर है. विवाद से संस्थान की प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ेगा.”
उन्होंने कहा, “मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी जिस तरह से एक स्वायत्त विश्वविद्यालय के साथ पेश आ रहे हैं वह सही तरीका नहीं है.”
गौरतलब है कि यूजीसी ने रविवार को डीयू को आदेश दिया था कि इसे सिर्फ तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिला लेना चाहिए जो कि चार वर्षीय पाठ्यक्रम से पहले प्रचलन में था, अन्यथा विश्वविद्यालय पर यूजीसी अधिनियम,1956 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
यूजीसी ने कहा कि पिछले साल शुरू किया गया चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 का उल्लंघन है, जो कि 10+2+3 प्रणाली का समर्थन करती है. डीयू को पिछली व्यवस्था की ओर लौटना चाहिए.