राष्ट्र

‘उड़ता पंजाब’ को मिला खुला आसमान

मुंबई | अन्वेषा गुप्ता: सेंसर बोर्ड की ख़ासी किरकिरी के बाद फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को खुला आसमान मिल गया. अदालत ने इस फिल्म को प्रमाण-पत्र जारी करने के लिये सीबीएफसी को निर्देश दिया है. इसी के साथ बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि सीबीएफसी की काम सेंसर करना नहीं प्रमाण-पत्र जारी करना है. जाहिर है कि पहलाज निहलानी ने ‘चमचागिरी’ करने के फेर में अपने केन्द्र सरकार की भी किरकिरी करवा दी है. इसी के साथ पंजाब के जिस पहलू के बारें में देश अनजाने में था उसे पहलाज निहलानी की जिद ने सतह पर ला दिया है. बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को ‘उड़ता पंजाब’ को बड़ी राहत देते हुए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की ओर से प्रस्तावित 13 कट पर रोक लगा दी. अदालत ने एक कट एवं तीन वैधानिक चेतावनियों के साथ फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ कर दिया है. फिल्म के सह-निर्माता अनुराग कश्यप ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि ‘इस मुद्दे पर हमारा रुख सही सिद्ध हुआ.’

‘उड़ता पंजाब’ की रिलीज का रास्ता साफ करने के बाद इसके निर्देशक अभिषेक चौबे ने कहा कि उन्हें ‘बहुत बड़ी राहत’ मिली है. अभिषेक ने यहां संवाददाताओं को बताया, “बहुत बड़ी राहत मिली है. तय समय पर फिल्म के रिलीज होने पर नजर है.”

Chitta Ve | Udta Punjab |

न्यायमूर्ति एस.सी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति शालिनी पनसालकर-जोशी की खंडपीठ ने सेंसर बोर्ड को फिल्म के लिए ‘ए’ प्रमाण-पत्र जारी करने का भी आदेश दिया है. फिल्म को 17 जून को रिलीज होना है.

अदालत के फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘उड़ता पंजाब’ के मामले में बंबई उच्च न्यायालय का फैसला मोदी सरकार की असहिष्णुता पर ‘जोरदार तमाचा’ है. केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, “उड़ता पंजाब पर फैसला मोदी सरकार की असहिष्णुता पर एक ‘जोरदार तमाचा’ है.”

उधर कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक रैली में पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के नेताओं पर ‘प्रदेश में मादक पदार्थो का कारोबार करने वालों के संरक्षक’ होने का आरोप लगाया. पंजाब के जालंधर में मादक पदार्थो के खिलाफ एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, “अकाली दल के नेता पंजाब में मादक पदार्थो कारोबार करने वालों के संरक्षक हैं. अगर हम सत्ता में आए, तो मात्र एक महीने में प्रदेश में मादक पदार्थो की समस्या को खत्म कर देंगे.”

बंबई उच्च न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराने वाले फिल्म निर्माताओं के एक अधिवक्ता ने कहा, “अदालत ने सीबीएफसी की पुनरीक्षण समिति की 13 कट की मांग को दरकिनार कर दिया है और एक कट के साथ फिल्म को पास कर दिया है. जिस दृश्य को फिल्म से निकाला गया है, उसमें हीरो सार्वजनिक रूप से पेशाब करता दिखाया गया है, जिसे फिल्म से निकालने के लिए हम पहले ही तैयार हो गए थे.”

अधिवक्ता ने कहा कि अदालत ने सेंसर बोर्ड को फिल्म को ‘ए’ प्रमाण-पत्र देने का आदेश दिया है.

इससे पूर्व अदालत ने कहा कि ‘उड़ता पंजाब’ में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे देश की संप्रभुता पर सवाल खड़े हों. अदालत ने सीबीएफसी को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उसके पास फिल्मों को ‘सेंसर’ करने का अधिकार नहीं है.

न्यायमूर्ति धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति पनसालकर-जोशी ने कहा कि बोर्ड के नाम में कहीं भी ‘सेंसर’ शब्द नहीं है और बोर्ड को संविधान और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप ही अपनी शक्तियों का उपयोग करना चाहिए.

अदालत ने ये बातें ‘उड़ता पंजाब’ की निर्माता कंपनी फैंटम फिल्म्स की ओर से दाखिल एक याचिका पर अंतिम सुनवाई के दौरान कही. अदालत ने कहा कि रचनात्मक अभिव्यक्ति की आजादी पर किसी तरह की रोक नहीं है. किसी फिल्मकार को निर्देशित नहीं किया जा सकता कि वह क्या बनाए और क्या न बनाए.

अभिषेक चौबे निर्देशित ‘उड़ता पंजाब’ में शाहिद कपूर, आलिया भट्ट, करीना कपूर और दिलजीत दोसांझ मुख्य भूमिकाओं में हैं.

Udta Punjab | Official Trailer-

अदालती हस्तक्षेप से फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को मिली अनुमति ने सीबीएफसी द्वारा फिल्मों के दृश्यों तथा संसवाद पर कैंची चलाने के अधिकार पर भी सवालिया निशान लगा दिये हैं. जाहिर है कि बॉलीवुड को नई स्टोरी मिल गई है #sixwordstory बड़बोले पहलाज निहलानी ने मरवा दिया.
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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