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संसद में सरकार ने कहा-हसदेव में काटे गए 1 लाख 8 हज़ार पेड़

रायपुर | संवाददाता: केंद्र सरकार ने कहा है कि हसदेव अरण्य के केवल परसा ईस्ट केते बासन कोयला खदान के लिए अभी तक 1 लाख 8 हज़ार 137 पेड़ काटे जा चुके हैं.

सोमवार को राज्यसभा में सांसद फूलोदेवी नेताम के सवाल के जवाब में यह बात सामने आई.

गौरतलब है कि अडानी के एमडीओ वाले तीन खदान हसदेव अरण्य में स्वीकृत हैं. इनमें परसा ईस्ट केते बासन-1,2 के अलावा परसा और केते एक्सटेंशन शामिल है. इसमें से परसा ईस्ट केते बासन 1 में कोयला खनन के लिए 2028 तक खुदाई होनी थी.

लेकिन अडानी समूह का दावा है कि 2022 में ही सारा कोयला खत्म हो गया. दिलचस्प ये है कि इस खदान से राजस्थान सरकार को कोयला जाना था. लेकिन जो आंकड़े उपलब्ध हैं, उसके अनुसार एमडीओ की शर्त के अनुसार केवल एक साल में ही अडानी समूह ने 300 करोड़ से अधिक का कोयला अपने पावर प्लांट में भेजा.

कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने जो जानकारी उपलब्ध कराई है, उस सूचना के अनुसार इस अकेले खदान के लिए सरगुजा और सूरजपुर ज़िले में स्थित हसदेव अरण्य के जंगल से 1,08,137 पेड़ काटे गए.

उन्होंने दावा किया कि वन स्वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया में, वनों में हाथियों और अन्य वन्यजीवों के संबंध में सम्यक तत्परता बरती गई है. इसके अतिरिक्त उपयुक्त उपायों के साथ कार्यान्वयन के लिए एक व्यापक वन्यजीव प्रबंधन योजना तैयार की गई है.

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