2019 का गुरू घासीदास टाइगर रिजर्व कहां गया?
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ का गुरू घासीदास टाइगर रिजर्व फाइलों में कैद हो कर रह गया है. केंद्र सरकार द्वारा साल भर पहले अधिसूचना जारी करने के बाद भी राज्य सरकार चुप्पी साधे बैठी हुई है.
राज्य सरकार ने 2019 में छत्तीसगढ़ राज्य वन्य जीव बोर्ड की 11वीं बैठक में कोरिया जिले के गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित करने का निर्णय लिया था.
इस फ़ैसले का चौथा साल आ चुका है लेकिन राज्य सरकार इस फैसले पर अमल नहीं कर सकी है.
2022 में भी इस टाइगर रिजर्व का कहीं अता पता नहीं है.
मुख्यमंत्री @bhupeshbaghel जी की अध्यक्षता में आज उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य वन्य जीव बोर्ड की 11वीं बैठक में प्रदेश के कोरिया जिले के अंतर्गत गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित करने का निर्णय लिया गया। pic.twitter.com/EX9w6HCx0l
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) November 24, 2019
हालत ये है कि राज्य सरकार के अनुरोध के बाद केंद्र सरकार ने भी इस टाइगर रिजर्व को मंजूरी दे दी थी.
इस मंजूरी को भी एक साल से अधिक का वक्त गुजर चुका है. लेकिन खनन के लिए रातों-रात फैसले लेने वाली राज्य सरकार इस मंजूरी के बाद से चुप है.
राज्य सरकार इसे अपनी उपलब्धि के तौर पर गिनाते रही है. भाषणों और विज्ञापनों में भी इसका जिक्र होता रहा है. लेकिन धरातल पर यह टाइगर रिजर्व सामने नहीं आ पाया है.