भारत को आतंक से रोका नही जा सकता: प्रधानमंत्री
वाशिंगटन | एजेंसी: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को जम्मू में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह शांति के दुष्मनों का उकसाने के लिए किया गया एक और बर्बर कृत्य है. उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले उन्हें नहीं रोक पाएंगे और न ही बातचीत की प्रक्रिया के जरिए सभी समस्याओं का समाधान खोजने के प्रयासों को पटरी से उतारने में सफल हो पाएंगे.
मनमोहन सिंह ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, “जम्मू एवं कश्मीर के हीरानगर पुलिस थाने और सांबा में सैन्य शिविर पर गुरुवार सुबह हुए जघन्य आतंकवादी हमले की जितनी भी कड़ी निंदा की जाए वह कम होगी.”
इस हमले में एक सैन्य अधिकारी सहित 12 लोगों की मौत हो गई है.
उन्होंने कहा, “मैं इस कायरतापूर्ण हमले में शहीद हुए हमारे बहादुर सैनिकों और पुलिस अधिकारियों, साथ ही मारे गए निर्दोष नागरिकों के परिवार वालों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं प्रकट करता हूं. ”
अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि , “हम आतंकवाद के खतरे का विरोध करने और उसे हराने के लिए कृतसंकल्प हैं, जिसे सीमा पार से प्रोत्साहन और समर्थन मिलना जारी है. इस तरह के हमले बातचीत की प्रक्रिया के जरिए सभी समस्याओं का समाधान ढूंढने की हमारी कोशिशों को पटरी से उतारने में सफल नहीं होंगे न हमें रोक पाएंगे.”
उधर जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि जम्मू इलाके में आतंकी हमला भारत-पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की प्रस्तावित बैठक को पटरी से उतारने के लिए किया गया है. अब्दुल्ला ने मीडियाकर्मियों से कहा कि गुरुवार को भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने पहले पुलिस थाने और फिर सैन्य शिविर पर हमला किया. इस हमले में 12 लोगों की मौत हो गई.
अब्दुल्ला ने कहा, “इसका लक्ष्य भारत एवं पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की प्रस्तावित बैठक को पटरी से उतारना है. ये शक्तियां जम्मू एवं कश्मीर की जनता के हितों की दुश्मन हैं. जब कभी भी शांति प्रक्रिया की शुरुआत करने की कोशिश की जाती है, वे इसे पटरी से उतारने की कोशिश करते हैं, वे इस हलचल को बरकरार रखना चाहते हैं.”
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हमेशा कहती आई है कि शांति के विरोधियों को मात दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, “हमें इन शक्तियों को सफल होने के मौके नहीं देने चाहिए.”
उमर ने कहा कि अगर दोनों प्रधानमंत्री मुलाकात नहीं करते हैं तो यह आतंकवादियों को सफल होने देने जैसा होगा. गौर तलब है कि संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन के समय भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के बीच शांति वार्ता वाशिंगटन में प्रस्तावित है.