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तेंदूपत्ता बोनस तिहार पर विपक्ष का प्रहार

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ सरकार का तेंदूपत्ता बोनस तिहार विवादों में घिर गया है. विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि रमन सिंह की सरकार आदिवासियों के साथ छलावा कर रही है. कांग्रेस ने इस पूरे बोनस तिहार में करोड़ों रुपये के गोलमाल का आरोप लगाया है.

प्रदेश के पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि तेंदूपत्ता बोनस तिहार में 15 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को 275 करोड़ रुपये का बोनस वितरण किया जा रहा है. यह बोनस वर्ष 2016 सीजन में संग्रहित तेंदूपत्ते का है. अकबर के अनुसार पूरे राज्य में 2016 में 13 लाख 61 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हुआ था.

अकबर के अनुसार तेंदूपत्ता संग्रहण के पहले ही इसका अग्रिंम टेंडर पद्धति से विक्रय करने से 639 करोड़ रुपयों में बिका, इस हिसाब से एक मानक बोरा का औसत विक्रय मूल्य 4693 रुपया था. परन्तु राज्य सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहक 15 लाख आदिवासी परिवारों को प्रति मानक बोरा पर मात्र 1500 रुपये की दर से कुल 204 करोड़ 21 लाख रुपयों का ही भुगतान किया था. तेंदूपत्ते के विक्रय से प्राप्त राशि में से 434 करोड़ 68 लाख रुपयें को रोक कर उसे बैकों में जमा करा दिया गया था. आज 18 महीने के बाद मात्र 275 करोड़ रुपयों को बोनस बतौर बांटा जा रहा है और इसे बोनस तिहार की संज्ञा दी जा रही है.

मोहम्मद अकबर ने पूछा कि शेष 160 करोड़ और 435 करोड़ पर 18 महीने का ब्याज लगभग 59 करोड़ रुपयों का क्या हुआ ? मोहम्मद अकबर ने कहा कि अनुसूचित जन जाति और अन्य परम्परागत वन निवास (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 3 के अनुसार आदिवासियों तथा वन निवासियों का तेंदूपत्ता पर सम्पूर्ण वन अधिकार हैं, तेंदूपत्ता की आय को संग्रहण के वास्तविक खर्चे काटकर शतप्रतिशत तेंदूपत्ता संग्राहको को वितरण किया ही जाना चाहिए. यह सरकार की कानूनी बाध्यता है. इसके वितरण में राज्य सरकार की मनमानी नहीं चल सकती है.

कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि इसी प्रकार वर्ष 2017 में 17 लाख 10 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हुआ था, जो 8000 रुपया औसत मानक बोरा की दर से बिक चुका है. जिसके लिए केवल 1800 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से संग्रहण पारिश्रमिक का भुगतान किया गया हैं और कुल विक्रय राशि 1368 करोड़ रुपयों में से 1060 करोड़ रुपये की राशि रोककर बैंको में जमा की गई है. मोहम्मद अकबर ने इसका बोनस भी जल्दी वितरित करने की मांग की है.

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