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तेंदूपत्ता की फिर लक्ष्य से कम ख़रीदी

कोरबा | संवाददाता: हरा सोना कहे जाने वाले तेंदूपत्ता की ख़रीदी इस साल भी कम की गई. कटघोरा और कोरबा वन मंडल में वन विभाग ने 1.30 लाख मानक बोरा का लक्ष्य रखा था.

लेकिन यह लक्ष्य भी पूरा नहीं किया गया और अब आज से ख़रीदी बंद कर दी गई है.

वन विभाग ने जो लक्ष्य तय किया था, उसकी तुलना में कटघोरा में 91 फीसदी ही ख़रीदी हुई.

कटघोरा में 76,300 मानक बोरा तेंदूपत्ता ख़रीदी का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन यहां 69,187 मानक बोरा की ही ख़रीदी की गई.

इसी तरह कोरबा वनमंडल में 53,200 मानक बोरा तेंदूपत्ता ख़रीदी का लक्ष्य रखा गया था.

लेकिन यहां लक्ष्य की तुलना में 81 फीसदी तेंदूपत्ता की ही ख़रीदी की गई.

बढ़ी हुई क़ीमत का पूरा लाभ नहीं

छत्तीसगढ़ में 2018 तक 2500 रुपये प्रति मानक बोरा तेंदूपत्ता का भुगतान संग्राहकों को किया जाता था.

2018 में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने इसकी क़ीमत बढ़ा कर 4000 रुपये कर दिया.

पिछले साल हुए चुनाव में भाजपा ने इसकी क़ीमत 5500 करने का वादा किया था.

राज्य में तेंदूपत्ता की क़ीमत तो बढ़ा दी गई लेकिन उसकी ख़रीदी की मात्रा कम कर दी गई.

ख़रीदी कम होने से बढ़ी हुई क़ीमत का पूरा लाभ संग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है.

अगर राज्य भर के आंकड़े देखें तो 2002 में छत्तीसगढ़ में 19.58 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता की ख़रीदी हुई थी.

2023 में बढ़ी हुई क़ीमत के बाद तेंदूपत्ता की ख़रीदी महज 12.94 लाख मानक बोरा रह गई.

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