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जशपुर में सोना खदानों के लिए जारी टेंडर रद्द

जशपुर| संवाददाताः ग्रामीणों के विरोध के बाद छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में दो सोना खदानों मेंदरबहार-भगोरा एवं बनगांव में उत्खनन के लिए जारी टेंडर को रद्द कर दिया गया है.

संचालनालय भौमिक तथा खनिकर्म विभाग, छत्तीसगढ़ ने इस संबंध में जशपुर कलेक्टर को पत्र भेजकर जानकारी दी है.

संयुक्त संचालक अनुराग दीवान की ओर से जारी इस पत्र के मुताबिक, जशपुर जिले के अंतर्गत मेंदरबहार-भगोरा एवं बनगांव में गोल्ड ब्लॉक को लेकर निविदा आमंत्रण सूचना यानी एनआईटी जारी की गई थी.

एनआईटी के संबंध में 30 जुलाई को संचालक, भौमिक तथा खनिकर्म की अध्यक्ष में गठित नीलामी समिति की बैठक आयोजित की गई.

बैठक में विचार-विमर्श के बाद समिति की अनुशंसा के आधार पर दोनों सोना खदानों के लिए जारी एनआईटी को रद्द करने का निर्णय लिया गया.

जशपुर के मेंदरबहार-भगोरा एवं बनगांव गोल्ड ब्लॉक्स में उत्खनन के खिलाफ जशपुर के ग्रामीण पिछले कुछ दिनों से फरसाबहार में अपना विरोध जता रहे हैं.

विरोध प्रदर्शन को लेकर जशपुर कलेक्टर ने 9 सितंबर को पत्र लिखकर विभाग को जानकारी दी थी, जिसके बाद विभाग की ओर से पत्र लिखकर एनआईटी रद्द किए जाने की सूचना कलेक्टर को भेजी गई है.

गौरतलब है कि जशपुर में सोने का बड़ा भंडार मिला है.

पिछले महीने सरकार ने जिले की दो सोना खदानों की नीलामी के लिए निविदा जारी की थी, जिसके बाद से ही क्षेत्र के ग्रामीण उत्खनन को लेकर विरोध जता रहे हैं.

भू-विज्ञानियों को घेरा

8 सितंबर को ग्रामीणों ने उत्खनन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई निविदा के लिए महाराष्ट्र के नागपुर की एक निजी कंपनी के भू-विज्ञानियों को घेरकर जमकर हंगामा मचाया.

घटना की सूचना पर तुमला, तपकरा और फरसाबहार थाने से बड़ी संख्या में पुलिस बल को भेजना पड़ा था. पुलिस बल ने भू-विज्ञानियों को सुरक्षित निकाला था.

रविवार की दोपहर नागपुर की कंपनी नितिन कोहद कार्तिकेय एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के भू-वैज्ञानी भगोरा के आसपास के जंगल से मिट्टी के सैंपल ले रहे थे.

इस दौरान ग्रामीणों की नजर उन पर पड़ी और पूछताछ शुरू हुई.

जिसके बाद पता चला कि वे भू-विज्ञानी एक निजी कंपनी के कर्मचारी हैं और स्वर्ण उत्खनन को लेकर सरकार की ओर से जारी निविदा के सिलसिले में आए हैं.

जानकारी होते ही ग्रामीण भड़क गए और भू-विज्ञानियों को घेर लिया. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के पहुंचने के बाद उग्र भीड़ ने भू-वैज्ञानियों को छोड़ा.

अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल स्वर्ण उत्खनन को लेकर सरकार की ओर से कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.

इस प्रकार की कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो पुलिस को सूचना दें, कानून को अपने हाथ में न लें.

अधिकारियों ने बताया कि बिना किसी पूर्व सूचना के क्षेत्र में आने को लेकर निजी कंपनी के कर्मचारियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है.

मुख्यमंत्री-राज्यपाल को ज्ञापन

इधर, शनिवार को भी फरसाबहार थाना क्षेत्र के तुरियालगा गांव में भी उत्खनन के मामले को लेकर हंगामा हुआ था.

यहां पश्चिम बंगाल के कोलकाता विश्वविद्यालय से आए भू-विज्ञानियों के दल को ग्रामीणों ने घेर लिया था. उग्र भीड़ ने थाने पहुंचकर भी नारेबाजी की थी.

सोना उत्खनन के विरोध में बीते दिनों फरसाबहार के ग्रामीणों ने रैली निकालकर धरना भी दिया था.

इस संबंध में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया है.

जशपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का गृह जिला है.

जिले में सोना और बाक्साइड के बड़े भंडार मिले हैं, जिस पर बड़े औद्योगिक घरानों की नजर है.

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