राष्ट्र

HSBC के खिलाफ कार्रवाई हो: केजरीवाल

नई दिल्ली | एजेंसी: विदेशों से काला धन वापस लाने की मांग करने वाले अरविंद केजरीवाल ने एचएसबीसी बैंक पर कड़ी कार्यवाही करने के लिये कहा है. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुइ कहा कि केन्द्र सरकार एचएसबीसी बैंक पर कार्यवाही कियों नहींकरती. केजरीवाल के समान ही किरण बेदी ने भी काला धन वापस लाने की मांग की है. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को केंद्र सरकार से एचएसबीसी बैंक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की, ताकि विदेशी बैंकों में जमा भारतीय नागरिकों के धन के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सके. वहीं किरण बेदी ने इसे बहुत बड़ी चोरी करार दिया. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, “भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार एचएसबीसी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती? वे कई जानकारियां देंगे. अमरीका ने यही किया है.”

केजरीवाल ने कहा कि नवंबर 2012 में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने जिन लोगों का काला धन विदेशों में जमा होने का खुलासा किया था, उनके नाम अब अंग्रेजी समाचार-पत्र ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के सोमवार के अंक में प्रकाशित हुए हैं.

उन्होंने लिखा, “लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस और अब भाजपा के नेतृत्ववाली केंद्र की सरकारों ने क्या किया? कुछ नहीं? क्यों?”

वहीं, दिल्ली में भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी ने ट्वीट किया, “गरीबों के पैसे चुराना वाकई में अपराध और अमानवीयता है. अमीर व वंचितों के बीच बड़ी खाई का यही कारण है.”

उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस का यह खुलासा इस बात का गवाह है कि राष्ट्र निर्माण का पैसा आखिर जाता किधर है. यह बहुत बड़ा अपराध है.

उन्होंने कहा, “एचएसबीसी घोटाले में शामिल सभी लोगों को कठोर दंड दिया जाए.”

उल्लेखनीय है कि ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की सोमवार की रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है कि विदेशों में एचएसबीसी बैंक की शाखाओं में 1,195 भारतीयों के खाते हैं. इनमें उद्योगपति, हीरा व्यवसायी और राजनेता शामिल हैं.

समाचार-पत्र ने यह रिपोर्ट फ्रांस के समाचार-पत्र ‘ली मोंडे’ और अंतर्राष्ट्रीय खोजी पत्रकार संघ के सहयोग से तैयार की.

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सूची में खातों की घोषणा नहीं करने वालों के अतिरिक्त उन खाताधारकों के भी नाम हो सकते हैं, जिन्होंने अनुमति लेकर खाते खोले और इसकी घोषणा भी की. जिन लोगों ने विदेशी बैंकों में अपने खातों की घोषणा नहीं की है, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है और उन्हें कर भुगतान के लिए भी कहा जा सकता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!