छत्तीसगढ़बिलासपुर

नसबंदी कांड पर हाईकोर्ट की नोटिस

बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ पेंडारी कांड को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 10 दिन को भीतर इस मामले में जवाब पेश करने के लिये कहा है. उच्च न्यायालय ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुये राज्य शासन को नोटिस जारी किया है.

हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ही इस मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू ने एक अधिवक्ता द्वारा इससे संबंधित खबरें प्रस्तुत करने और उस पर स्वतः संज्ञान लेने से इंकार करते हुये कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से बात की है और उनके संज्ञान में सारी बात लाई है. हम इस मामले में स्वतः संज्ञान नहीं ले सकते.

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एचएल दत्तू, जस्टिस मदन बी लोकूर और एके सिकरी की बेंच ने अधिवक्ता को सलाह दी कि अगर इस मामले में वे हस्तक्षेप चाहते हैं तो औपचारिक रुप से आवेदन पेश करें.

गौरतलब है कि बिलासपुर से 10 किलोमीटर दूर पेंडारी गांव के नेमिचंद अस्पताल में लगे नसबंदी शिविर में शनिवार को 83 महिलाओं की नसबंदी की गई थी. शिविर में जिला अस्पताल के डॉ. आर.के. गुप्ता, डॉ. के.के. ध्रुव व डॉ. एम. निखटा ने लेप्रोस्कोपी पद्धति से ऑपरेशन किया और चंद घंटे बाद सभी महिलाओं को छुट्टी दे दी. महिलाएं अपने-अपने घरों तक पहुंची तो एक-एक कर सभी की तबीयत बिगड़ने लगी.

रविवार को उन्हें उल्टियां आने लगीं. हालत बिगड़ती देख उन्होंने स्थानीय स्तर पर डॉक्टरों से संपर्क किया. सोमवार को इन महिलाओं की हालत और बिगड़ गई. सुबह से जिला अस्पताल और सिम्स में पीड़ित महिलाओं के आने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह देर रात तक जारी रहा. सोमवार को एक महिला की मौत तो उस समय हुई, जब जिला कलेक्टर अस्पताल में आकर पीड़ितों का हालचाल जान रहे थे.

सोमवार को सबसे पहले दो महिलाओं की मौत हुई, रात होते-होते और दो की मौत हो गई. इसके बाद आंकड़ा बढ़ता गया. मंगलवार सुबह तक मरने वाली महिलाओं की संख्या आठ हो गई.

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिला अस्पताल, सिम्स और अपोलो में अभी भी 56 महिलाएं भर्ती हैं. इनमें से 32 की हालत गंभीर बताई जा रही है.

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