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महाकुंभ में भगदड़, 30 की मौत

प्रयागराज|डेस्कः प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान से पहले मंगलवार-बुधवार की रात मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत गई. वहीं इस भगदड़ में 60 श्रद्धालु घायल हो गए हैं.

सरकार ने घटना के 17 घंटे बाद मृतकों की पुष्टि करते हुए जानकारी साझा की है.

महाकुंभ डीआईज वैभव कृष्ण और मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने प्रेस कॉफ्रेंस कर बताया कि महाकुंभ में रात 1-2 बजे के बीच भगदड़ हुई.

मगदड़ में 90 लोग घायल हो गए थे. सभी घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया, जहां 30 लोगों की मौत हो गई.

इनमें से 25 लोगों की पहचान हो गई है और बाकी 5 की पहचान की जा रही है.

मरने वालों में सबसे ज्यादा यूपी के 19, कर्नाटक के 4, गुजरात-असम के 1-1 श्रद्धालुओं की मौत हुई है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है. इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है. इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से बातचीत की है और मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है.

उन्होंने कहा कि श्रद्धालु संगम पर ही स्नान करने की न सोचें. गंगा स्थल पर 44 से अधिक घाट बनाए गए हैं, श्रद्धालु वहां भी अमृत स्नान करें. क्योकि गंगा हर जगह पवित्र है.

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है. आज 8-10 करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं. प्रशासन स्थानीय स्तर पर श्रद्धालुओं को सकुशल स्नान कराने के लिए लगातार लगा हुआ है.

साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें.

नीचे गिरे लोगों को भीड़ रौंदती रही

प्रयागराज महाकुंभ में मंगलवार को मौनी अमावस्या पर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए पहुंचे थे.

श्रद्धालु सोमवार रात से ही संगम स्थल पर जुटने लगे थे. सभी श्रद्धालु संगम स्थान पर ही स्नान करना चाह रहे थे. जिसके चलते वहां काफी भीड़ इकट्ठा हो गई.

श्रद्धालु बैरिकेड्स फांद कर अंदर जाने लगे जिससे बैरिकेड्स में फंसकर श्रद्धालु गिरने लगे. जिसके चलते मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई.

बताया गया कि संगम तट पर अंदर आने और बाहर जाने के रास्ते अलग-अलग नहीं थे. लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से वापस जा रहे थे.

ऐसे में जब भगदड़ मची तो श्रद्धालुओं को भागने का मौका नहीं मिला और वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए.

इस दौड़-भाग में जो गिरा वो फिर लंबे समय तक उठ नहीं पाया. नीचे गिरे लोगों को भीड़ रौंदती रही.

संगम तट में डुबकी लगाने उमड़ी भीड़

मंगलवार रात 10 बजे से ही संगम तट पर लोगों की भीड़ पहुंचने लगी थी.

अमृत स्नान के चक्कर में श्रद्धालु संगम तट पर ही इकट्ठा होते चले गए. हर कोई संगम तट पर ही डुबकी लगाना चाहता था. इसलिए श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी.

श्रद्धालुओं को जिस रास्ते से स्नान के लिए जाना था वहां भीड़ क्षमता से अधिक हो गई.

इस बीच पोल नंबर 11 से 17 के बीच अचानक बहुत तेज गति में पीछे से भीड़ का रेला आया.

बेकाबू भीड़ बैरिकेडिंग कूदकर अपनी मर्जी से ही संगम तट जाने लगे. भीड़ की वजह से लकड़ी की बल्ली टूटी तो लोगों को रौंदकर आगे बढ़ने लगी.

इस भगदड़ में दबने से करीब 30 लोगों की मौत के साथ ही 60 लोगों के घायल होने की खबर है.

वहीं भगदड़ मचने से सैकड़ों श्रद्धालु लापता भी बताए जा रहे हैं.  उनके परिजन अब उन्हें खोज रहे हैं.

 परिजन ले गए शव

हादसे के बाद तत्काल वहां बचाव दल 10-12 से ज्यादा एम्बुलेंस के साथ संगम तट पर पहुंचा.

तत्काल बचाव कार्य शुरू करते हुए कई रास्तों को खोला गया. इससे भीड़ डायवर्ट हुई तब जाकर स्थिति नियंत्रण में आई.

गंभीर रूप से घायल और मृतकों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया. पहले 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए थे. उसके बाद और शव लाए गए.

यहां पोस्टमॉर्टम के बाद कुछ शव परिजनों को सौंपकर उनके घर भेज दिए गए हैं.

हादसे के बाद संगम तट पर एनएसजी कमांडो मोर्चा संभालते हुए बचाव कार्य में जुटे हुए हैं.

अब हालात नियंत्रण में

महाकुंभ के डीआईजी वैभव कृष्ण के मुताबिक प्रयागराज में जिस जगह यह भगदड़ मची अब वहां हालात नियंत्रण में हैं. लेकिन भीड़ का दबाव बना हुआ है.

संगम की ओर जाने वाला रास्ता खाली करा दिया गया है. साधु-संतों के स्नान के लिए बनाए गए घाट भी खाली हो गए हैं.

आज महाकुंभ में 10 करोड़ से ज्यादा लोग आए थे. सुबह के समय दबाव अधिक था और भीड़ बहुत ज़्यादा थी.

भीड़ कम होने के बाद पूरे इलाके को सैनिटाइज किया गया है.

हमारे पास भगदड़ में हताहतों की आधिकारिक संख्या नहीं है. क्योंकि हम यहां भीड़ नियंत्रण में लगे हुए हैं. घायलों का इलाज किया जा रहा है.

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