नोटबंदी के बाद ‘एटीएम बंदी’
बिलासपुर | संवाददाता: अब से एटीएम से 22,500 निकालने के बाद सर्विस चार्ज देना होगा. ऐसा रिजर्व बैंक के नये निर्देशों के कारण होने जा रहा है. छत्तीसगढ़ में बिलासपुर समेत सभी जिलों के एटीएम से अब 5 बार से ज्यादा ट्रांजेक्शन पर 20 रुपये अतिरिक्त कट रहे हैं. कई बैंक सर्विस चार्ज भी वसूल कर रहे हैं इसलिए यह रकम 25 से 28 रुपये तक हो रही है. अचानक ज्यादा रकम कटने से लोग हैरान हो रहे हैं. वे बैंकों में पूछताछ भी कर रहे हैं. बैंक उन्हें ये कहकर लौटा रहे हैं कि रिजर्व बैंक का नियम है. गौरतलब है कि रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार जिस बैंक में खाता है उसी के एटीएम से 5 बार तक रुपये निकालने, मिनी स्टेटमेंट लेने पर किसी तरह का कोई सर्विस टैक्स नहीं लगेगा. परन्तु यदि 5 बार के बाद 6वीं बार एटीएम का उपयोग किया जाता है तो उस पर 20 रुपये सर्विस जार्ज लगेगा. चाहे 4500 रुपये की राशि निकाली जा रही हो या 100 रुपये की या मिनी स्टेटमेंट लिया जा रहा हो.
दूसरे बैंकों के एटीएम के उपयोग पर यह केवल 3 बार तक सर्विस चार्ज से मुक्त रहेगी. इस तरह से 6वें और उससे ज्यादा बार ट्रांजेक्शन किया तो हर बार खाते से 20 रुपये कटेंगे और इस रकम पर 12.5 फीसदी सर्विस टैक्स जुड़कर कट जायेगा. अर्थात, 5 बार के बाद हर ट्रांजेक्शन पर लोगों के खाते से करीब 23 रुपये कटेंगे, चाहे खाते से सौ रुपए ही क्यों न निकाले जायें अथवा मिनी स्टेटमेंट और बैलेंस क्यों न चेक किया जाये.
इससे दोहरा बोझ उन लोगों पर है, जो अलग बैंक के एटीएम से पैसे निकाल रहे हैं. उनके लिए तो केवल 3 ट्रांजेक्शन ही मुफ्त हैं, इसके बाद यही चार्ज उन पर चौथे ट्रांजेक्शन से लगने लगेगा. एटीएम कार्ड से रुपए निकालने या खातों की जानकारी लेने को ही ट्रांजेक्शन माना गया है. यानी कोई व्यक्ति बाजार, शॉपिंग मॉल या दुकानों में खरीदी करने के बाद उसका भुगतान एटीएम कार्ड से करता है, तो वो पांच बार की लिमिट में शामिल नहीं होगा.
इससे उन बड़े-बुजुर्गों को विशेष तौर पर तकलीफ होगी जो अपने घर के पास के ही एटीएम से पैसे निकालते है. वर्तमान में एटीएम से एक बार में 4500 रुपये निकालने की सीमा है. अर्थात् यदि कोई माह में 22,500 रुपये से ज्यादा निकालते है तो उसे बैंक जाना पड़ेगा अन्यथा उसे सर्विस चार्ज देना पड़ेगा. नोटबंदी के बाद नगदी की समस्या से जूझ रहे लोगों पर 5 बार से ज्यादा एटीएम का उपयोग करने पर लगने वाला टैक्स दोहरी मार की तरह से है. बिलासपुर के एक एटीएम के सामने खड़े बुजुर्ग से जब इसके बारें में बताया गया तो उन्होंने टिप्पणी की ‘लो अब नोटबंदी के बाद एटीएम बंदी भी शुरू हो गई.’