दुर्घटना में घायलों का मुफ्त इलाज
नई दिल्ली | संवाददाता: भविष्य में सड़क दुर्घटना में घायलों का इलाज सरकार मुफ्त में करेगी. इसको देशभर में लागू करने से पहले प्रयोग के तौर पर 2 राष्ट्रीय राजमार्गो पर इसे लागू किया जायेगा. इसके लिये गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एंव राजमार्ग मंत्रालय ने हस्ताक्षर किये हैं. सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा गुरुवार को शुरू की गई दोनों प्रायोगिक योजनाएं के सफल परीक्षण के बाद इन्हें देश को समर्पित करेंगे.
इसके लिये इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड तथा आईसीआईसीआई लोम्बार्ट जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के साथ समझौता किया गया है. प्रयोग के तौर पर चलाये जाने वाले इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर वड़ोदरा-मुम्बई तथा दूसरा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 33 पर रांची-रारगांव-जमशेदपुर को शामिल किया गया है.
इन मार्गों पर सड़क दुर्घटना की स्थिति में नामांकित निजी अस्पताल में इलाज की स्थिति में पहले 48 घंटों के लिए 30,000/- रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी. गौरतलब है कि ऐसी ही 1 योजना पहले से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर गुड़गांव-जयपुर में चल रहा है.
जिसमें आईसीआईसीआई लोम्बार्ट अपनी सेवाएं दे रही हैं. इस योजना के तहत 31 जुलाई 2014 तक 3011 दुर्घटना पीड़ितों का इलाज कराया जा चुका है.
प्रस्तावित योजना में एक टोल फ्री नम्बर1033 और एक चौबीस घंटे चलने वाले कॉल सेंटर होगा जो चुनिंदा स्थानों पर होने वाली दुर्घटनाओं की सूचनाएं प्राप्त करेगा. घायलों को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम युक्त एबुलेंस हर 25 किलोमीटर की दूरी पर तैनात करने का प्रावधान होगा.
गुरुवार को शुरू किए गए नए प्रोजेक्ट्स के लिए एंबुलेंस के दुर्घटना स्थल तक पहुंचने और घायलों को नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने दोनों के लिए 15 – 15 मिनट का समय निर्धारित किया गया है. अब तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर गुड़गांव-जयपुर के बीच होने वाले दुर्घटनाओं में घायलों को अस्पताल पहुंचाने में 23 मिनट का समय लग रहा है जबकि इसके लिये पहले 40 मिनट का समय तय था.