चारा घोटाले में लालू यादव साढ़े तीन साल की सजा
रांची। डेस्क: रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने राजद अध्यक्ष लालू यादव को चारा घोटाला में साढ़े तीन साल की सज़ा सुनाई है. उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सज़ा सुनाई गई. सजा के साथ पांच लाख रूपये का जुर्माना लगाया गाया है.
शुक्रवार को लालू प्रसाद को कम से कम सजा देने का आग्रह लालू के वकील ने अदालत किया था. उन्होंने कहा था कि लालू की उम्र 70 साल हो गई है. उन्हें कई तरह की बीमारियां हैं. उनके हार्ट का वाल्व बदला गया है. डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की भी शिकायत है. ऐसे में उन्हें कम से कम सजा मिलनी चाहिए. शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से लालू और पूर्व मंत्री आरके राणा की पेशी हुई और सजा पर सुनवाई हुई.
लालू यादव के वकील ने कहा था कि लालू 21 साल से इस मामले में मुकदमा झेल रहे हैं. जब जब कोर्ट ने बुलाया वह हाजिर हुए. ट्रायल में सहयोग किया. सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसले का हवाला देकर कहा गया कि इतनी लंबी अवधि तक मुकदमा लड़ना सजा से कम नहीं है. ऐसे में उन्हें कम से कम सजा मिलनी चाहिए. अन्य आरोपियों की ओर से भी ऐसा ही आग्रह किया गया.
यह भी बताया गया कि इसके पूर्व आरसी 20/ ए 96 के मामला चार करोड़ की अवैध निकासी का था. उसमें पांच साल की कैद मिली है. यह मामला मात्र 89 लाख रुपए का है. राशि कम है इस कारण सजा भी कम मिलनी चाहिए. आरके राणा , राजाराम जोशी, फूलचंद सिंह और महेश प्रसाद की ओर से भी कम से कम सजा देने का आग्रह अदालत से किया गया.
जबकि सीबीआई की ओर से इसका विरोध किया गया. सीबीआई की ओर से कहा गया कि सभी एक जिम्मेवार पद पर थे. इनमें कुछ जनप्रतिनिधि भी हैं. जनप्रतिनिधियों की ओर से गरीबों की राशि हड़पना संगीन अपराध है. इस कारण सभी को अधिकतम सजा मिलनी चाहिए.
सीबीआई ने इस मामले में देवघर कोषागार से फरजी बिल बना कर 89 लाख की निकासी करने का आरोप लगाया था. आपूर्तिकर्ताओं पर सामान की बिना आपूर्ति किए बिल देने और विभाग के अधिकारियों पर बिना जांच किए उसे पास करने का आरोप है. लालू प्रसाद पर गड़बड़ी की जानकारी होने के बाद भी इस पर रोक नहीं लगाने का आरोप है.