रमन सिंह ने दिखाया 2025 का छत्तीसगढ़
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य की जनता से मिशन 2025 से जुड़ने का आह्वान किया है. स्वतंत्रता दिवस पर झंडोतोलन के बाद वे सभा को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने मिशन 2025 को लेकर कहा कि जब छत्तीसगढ़ अपनी रजत जयंती मनाएगा, तब 25 साल के नौजवान छत्तीसगढ़ की जीएसडीपी आज से दोगुनी होगी. प्रति व्यक्ति आय भारत के 5 अग्रणी राज्यों में शामिल होगी. किसानों की आय दोगुनी होगी. प्रत्येक नागरिक का गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाओं पर अधिकार होगा. सबके पास अपना घर होगा. साक्षरता दर शत-प्रतिशत होगी. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर हर बच्चे का हक होगा.
मुख्यमंत्री ने मिशन 2025 के छत्तीसगढ़ को लेकर संकल्प लेते हुये कहा कि सबके घर में सिर्फ नल कनेक्शन ही नहीं बल्कि इंटरनेट कनेक्टिविटी भी होगी. छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहर हवाई सेवा से जुड़े होंगे. हमारा छत्तीसगढ़ ना सिर्फ उद्यमिता और निवेश आमंत्रित करने में अव्वल होगा बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजते हुए विकास की ऊंची छलांग लगाकर, देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनेगा.
उन्होंने मिशन 2025 की कल्पना को लेकर कहा कि 2025 में जब छत्तीसगढ़ अपनी रजत जयंती मनाएगा, तब यह स्मार्ट छत्तीसगढ़, हरित छत्तीसगढ़, सशक्त छत्तीसगढ़, समृद्ध छत्तीसगढ़, खुशहाल छत्तीसगढ़ होगा.
रमन सिंह ने अंत्योदय को राज्य शासन की योजनाओं का आधार बताते हुये कहा कि हमारी सरकार ने किसान भाइयों को तात्कालिक लाभ देने के लिए हमने समय-समय पर अल्पकालीन ऋण माफ किया. अन्नदाताओं की खुशहाली के लिए दिल और सरकार के खजाने खोल दिए. कृषि उपजों की उत्पादकता, उत्पादन, उपार्जन और वितरण प्रणाली की पूरी श्रृंखला में सुधार का महाअभियान चलाया. सिंचाई पम्पों की संख्या 72 हजार से बढ़ाकर लगभग 5 लाख तक पहुंचा दी, निःशुल्क बिजली दी, धान खरीदी केन्द्रों की संख्या दोगुनी की, पारदर्शी और ऑन लाइन प्रणाली लागू की व तुरंत भुगतान का इंतजाम किया. बिना ब्याज के कृषि ऋण दिया. कई तरह के अनुदान और सब्सिडी दी. पंद्रह वर्षों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और बोनस की राशि मिलाकर किसानों के घर लगभग 76 हजार करोड़ रूपए पहुंचाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने बस्तर और सरगुजा आदिवासी बहुल अंचलों को विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज जैसी समस्त संस्थाओं से सम्पन्न किया. प्राधिकरण बनाकर स्थानीय विकास की मांगों को तत्काल पूरा किया. अब प्रदेश के सर्वाधिक नवाचार सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बलरामपुर-रामानुजगंज जैसे जिलों में हो रहे हैं. बीजापुर का अस्पताल, दंतेवाड़ा-सुकमा, कोरबा में एजुकेशन हब, बलरामपुर की इंटरनेट कनेक्टिविटी, आदिवासी जिलों में जैविक खेती से लेकर कड़कनाथ मुर्गा पालन और महिलाओं द्वारा ई-रिक्शा चालन जैसे अनेक कार्य नई इबारतें लिख रहे हैं. दंतेवाड़ा, सरगुजा और राजनांदगांव में भी बीपीओ शुरू हो गए हैं, जो न सिर्फ स्थानीय युवाओं को रोजगार दे रहे हैं, बल्कि उनकी प्रतिभा का सही इस्तेमाल करने में भी मददगार हो रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने तेन्दूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक, जातियों के उच्चारण विभेद की समस्या का समाधान, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के बच्चों की गौरवशाली उपलब्धियों को भी विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि पढ़ाई का स्तर तेजी से सुधारने और नौनिहालों का भविष्य संवारने के लिए शिक्षाकर्मियों का नियमितिकरण किया. विकासखण्ड मुख्यालयों में ‘इंग्लिश मीडियम शासकीय प्रायमरी तथा मिडिल स्कूल खोलने, व्यावसायिक शिक्षा की व्यवस्था भी स्कूल में करने जैसे कई नए कदम उठाए गए हैं.
उन्होंने राज्य में मजदूरों के लिये 78 कल्याणकारी योजनाएं संचालित करने का दावा करते हुये कहा कि मुझे विकास के चमकते हुए कलश पर मजदूरों का चेहरा दिखता है, विकास की बड़ी-बड़ी इमारतों में पसीने से लिखी हुई इबारतें दिखती हैं. मुख्यमंत्री ने राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी विस्तार से प्रकाश डाला.
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि 2 अक्टूबर 2018 को ‘ओडीएफ छत्तीसगढ़’ का जय-घोष करेंगे. उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के अंतर्गत 36 लाख रसोई गैस कनेक्शन देकर हम उन्हें बड़ी राहत और स्वस्थ जीवन दे रहे हैं. मुख्यमंत्री ने खाद्य एवं पोषण सुरक्षा कानून बनाने को लेकर दावा किया कि राज्य की 83 प्रतिशत जनसंख्या को भूख से सरकार ने निजात दिलाया.
मुख्यमंत्री ने मनरेगा महिला श्रमिकों को वेतन सहित प्रसूति अवकाश का लाभ, सौभाग्य योजना, विद्युत उत्पादन, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, बस्तर को एयर कनेक्टिविटी से जोड़े जाने, डीएमएफ, ‘एस्पिरेशनल जिलों’ का चयन और 50 लाख लोगों को स्मार्ट फोन बांटे जाने का भी अपने भाषण में उल्लेख किया.
रमन सिंह ने कहा कि भारत सरकार के सहयोग से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई निरंतर सफलता की ओर बढ़ रही है. हमने सुरक्षा बलों की संख्या, गुणवत्ता और मारक क्षमता बढ़ाने के लिए हर संभव उपाय किए हैं. हमने संविधान विरोधी, लोकतंत्र विरोधी, विकास विरोधी, जन विरोधी नक्सलवादियों का चेहरा बेनकाब करने और उनके हौसले पस्त करने में अहम सफलता अर्जित की है, जिससे नक्सलवाद का समूल खात्मा भी अतिशीघ्र हो जाएगा.