रेल में किराया बढ़ोतरी, निजीकरण?
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: अच्छे दिन आने वाले हैं का ट्रेलर शुरु हुआ. रेल बजट में यात्री किराया तथा माल भाड़े में वृद्धि के संकेत रेल मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने दिये हैं. उन्होंने गोदाम, फ्रेट कॉरिडोर जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर में भी निजीकरण की बात की है. देश के एक आर्थिक अखबार ईटी को दिये इंटरव्यू में उन्होंने इसका संकेत दिया है.
अगले माह रेल बजट प्रस्तुत किये जाने की संभावना है ऐसे में इस बात के कयास लगाये जा रहें हैं कि मोदी सरकार रेल किराये तथा माल भाड़े को यथावत रख पाती है या नहीं. इसी बीच रेल मंत्री ने अपने इंटरव्यू में साफ कर दिया है कि रेल किराया बढ़ाना उनकी मजबूरी है. वैसे कुछ जानकारों का मानना है कि किराये में बढ़ोतरी बजट के पहले भी की जा सकती है.
उन्होंने कहा “निश्चित तौर पर इसकी जरूरत है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने अंतरिम बजट में यात्रा किराए में 10 फीसदी और फ्रेट चार्जेज में 5 फीसदी का इजाफा करने का प्रपोजल दिया था लेकिन इन्हें लागू नहीं किया गया. अब मुझे रेलवे की मौजूदा स्थिति को देखते हुए कुछ करना होगा. मैं फंडिंग को लेकर मदद के लिए फाइनैंस मिनिस्टर के साथ चर्चा करुंगा.”
इसी के साथ उनका संकेत है कि रेलवे में कुछ क्षेत्रों का निजीकरण किया जा सकता है. सदानंद गौड़ा ने कहा “मैं प्राइवेट सेक्टर की कुछ कंपनियों के साथ काम कर रहा हूं, जो गोदाम, फ्रेट कॉरिडोर जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के कंस्ट्रक्शन में दिलचस्पी रखती हैं. कोल मिनिस्ट्री स्पेशल कोल कॉरिडोर्स के लिए फंड उपलब्ध कराने पर सहमत हो गई है. मैंने मनरेगा का दायरा रेलवे प्रोजेक्ट्स तक बढ़ाने के लिए रूरल डिवेलपमेंट मिनिस्टर नितिन गडकरी से बात की है.”
मोदी सरकार के रेलवे के बारे में प्राथमिकता पर उन्होंने कहा “हम सेफ्टी, सिक्यॉरिटी और सर्विस पर फोकस करेंगे. अगर हम इन तीनों को सफलता के साथ लागू करने में सक्षम होते हैं तो स्पीड चौथा पहलू होगा जिस पर हम विचार करेंगे.”