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साल में दो बार बढ़ेगा रेल भाड़ा

नई दिल्ली: रेल बजट में फ्यूल सरचार्ज के नाम पर चालाकी के साथ साल में दो बार रेल किराया बढ़ाने का रास्ता खोल दिया गया है. इसी साल जनवरी में रेल किराया में बढ़ोत्तरी की गई थी. अब रेल मंत्री ने बजट में कहा है कि रेल किराये में फ्यूल सरचार्ज लगाया जायेगा. डीजल की कीमतें बढ़ेंगी तो रेल किराया में भी बढ़ोत्तरी कर दी जायेगी. इसके अलावा तत्काल टिकट बुकिंग की राशि के बढ़ाने के साथ साथ टिकट पर सर चार्ज का सहारा लिया गया है. इसके अलावा सुपर फास्ट चार्ज को भी बढ़ा दिया गया है.

रेल बजट में 103 नई रेलगाड़ियों का घोषणा की गई है, इनमें से 27 पैसेंजर, 67 एक्सप्रेस और 9 ईएमयू ट्रेनें शामिल हैं. रेल मंत्री ने कहा है कि आईआरसीटीसी के स्थान पर इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक नई पीढ़ी की आरक्षण प्रणाली शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि रेलवे का घाटा बढ़ता जा रहा है, इसे कम करना होगा. साथ ही लोगों की सुरक्षित यात्रा ही रेलवे के मकसद है.

पहली बार बजट पेश कर रहे रेल मंत्री ने कहा कि वो मात्र चार महीने से ही रेल मंत्री के पद पर हैं और इस दौरान उन्होंने भारतीय रेल के बारे में काफी कुछ समझा है. भाषण की शुरुआत करते हुए पवन बंसल ने सबसे पहले राजीव गांधी का शुक्रिया अदा किया कि वो उन्हें राजनीति में लाए.

अपने भाषण में उन्होंने भारत की रेल की खूबियों को गिनाया. साथ उन्होंने भारतीय रेल की आर्थिक स्थिति का भी ज़िक्र किया. पवन बंसल ने कहा कि रेलवे अपनी माली हालत से चिंतित है. पवन बंसल ने कहा कि बढते घाटे के चलते यात्री सुविधाओं में गिरावट हुई है और ट्रेनों की मांग बढ़ती जा रही है.

लागत में खर्च के बढ़ने से माल वहन का खर्च बढ़ा है. रेलवे को आर्थिक रूप से खुद को मजबूत करना होगा. कई परियोजनाओं को वक्त पर पैसा मुहैया नहीं कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में अनुमानित घाटा 24 हज़ार करोड़ रुपए रहने की संभावना है.

रेलवे को उम्मीद है कि साल 2013-14 के अंत में उसके खाते में 12,056 करोड़ रुपए शेष रहेंगे. रेल मंत्री ने बताया कि डीज़ल की कीमतों में इजाफे से रेलवे पर 3300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ बढ़ा है. समाधान की योजना बताते हुए रेल मंत्री ने कहा कि एक अप्रैल से माल भाड़े को डीजल की कीमतों में होने वाले इजाफे से जोड़ दिया जाएगा. इससे माल भाड़े में पांच फीसदी से भी कम की बढोतरी होगी.

इसके अलावा रेल भाड़ों से जुड़ी एक स्वतंत्र नियामक संस्था (रेल टैरिफ अथॉरिटी) का गठन किया जाएगा. भारतीय रेलवे की उपल्बधियों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि नई रेल लाईनों और विद्युतीकरण का लक्ष्य पूरा किया गया है. पवन बंसल में इलाहाबाद दुर्घटना पर रेलवे की ओर से संवेदना जताई. साथ ही उन्होंने सुरक्षित्र यात्रा बनाने पर ज़ोर दिया. हालाकि उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं में काफी कमी आई है.

उन्होंने कहा कि 50 फीसदी से ज्यादा दुर्घटनाएं मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग की वजह से होती है. रेलवे की कोशिश होगी कि मानव रहित क्रॉसिग को धीरे-धीरे खत्म किए जाएं. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य शून्य दुर्घटना यानी ज़ीरो एक्सिडेंट का है. 2014 से 2024 तक के लिए व्यापक योजनाओं का खाका भी तैयार किया गया है.

उन्होंने कहा कि रेल में मिलने वाले भोजन के बारे में भी शिकायतें मिली है जिन्हें दूर करने की कोशिश होगी. उन्होंने कहा,”सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नही, मेरी कोशिश है कि सूरत बदलनी चाहिए.”

रेल मंत्री ने कहा कि अत्याधुनिक सुविधाओं की बढती मांग के मद्देनजर हर ट्रेन में इसके लिए अलग से लक्ज़री कोच जोड़े जाएंगे. वातानुकूलित श्रेणी के तहत अनुभूति नाम से अलग से कोच जोड़े जाएंगे. राजधानी और शताब्दी रेल गाड़ियों में भी विशेष डिब्बे जोड़े जाएंगे. पवन बंसल ने सदन को बताया कि योजना आयोग ने रेलवे को 5.19 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया है.

रेलवे सुरक्षा बल नई कंपनियां गठित की जाएंगी और इनमें महिलाओं की नियुक्ति 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा. साफ पीने के पानी के लिए डिब्बा बंद रेल नीर के छह नए बॉटलिंग प्लांट अलग-अलग स्थानों पर लगाए जाएंगे.

रेल आरक्षण के लिए आईआरसीटीसी के विकल्प के तौर पर इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक नई पीढ़ी की आरक्षण प्रणाली शुरू की जाएगी. नई आरक्षण प्रणाली में रेल आरक्षण के लिए एक साथ एक लाख लोग इस्तेमाल कर सकेंगे. इसकी मौजूदा क्षमता 40 हज़ार ही है. नई प्रणाली के तहत एक मिनट में 7 हज़ार टिकट एक साथ कटेंगे.

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए एक लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. रेल मंत्री ने कहा कि बारहवीं योजना में आंतरिक संसाधनों के जरिए 1.05 लाख करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे. दस लाख से ज्यादा की आबादी वाले शहरों और धार्मिक महत्व वाले शहरों के 104 रेलवे स्टेशनों की पहचान करके इनका आधुनिकीकरण किया जाएगा और वर्ष 2013-14 में 500 किलोमीटर नई रेल लाइनें बिछाई जाएंगी.

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