हसदेव पर राहुल गांधी की नहीं सुन रहे भूपेश बघेल?
रायपुर | संवाददाता: राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में नये खदानों के आवंटन को लेकर अपनी असहमति जताई है. उन्होंने कहा है कि वे इन खदानों के शुरु किये जाने का बचाव नहीं कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ताज़ा वक्तव्य के बाद माना जा रहा है कि भूपेश बघेल की सरकार अपने ही नेता की बात नहीं सुन रही है.
अपने वक्तव्य के दौरान राहुल गांधी दुखी और असहज नज़र आए.
हसदेव अरण्य के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने भरोसा दिया है कि मैं इस पर काम कर रहा हूं.
उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के भीतर काम कर रहा हूं.
राहुल गांधी ने कहा कि अगले कुछ सप्ताह के भीतर इसके परिणाम भी नज़र आएंगे.
उन्होंने कहा कि हसदेव के मुद्दे पर होने वाले प्रदर्शन को वे जायज मानते हैं.
तो क्या यह मान लिया जाए कि छत्तीसगढ़ सरकार @INCIndia के नेता राहुल गांधी की भी नहीं सुन रही?
उनकी मर्जी के ख़िलाफ,छत्तीसगढ़ सरकार हसदेव में कोयला खनन को मंजूरी दे रही है?
कैंब्रिज में हसदेव पर जो सवाल पूछा गया, उसके जवाब में राहुल गांधी ने जो जवाब दिया, उससे तो यही लग रहा है. pic.twitter.com/QLvBDeY1ew
— Alok Putul (@thealokputul) May 25, 2022
कैंब्रिज पहुंचे राहुल गांधी को हसदेव अरण्य के मुद्दे पर विरोध का भी सामना करना पड़ा.
बड़ी संख्या में छात्रों ने हसदेव में पेड़ों की कटाई को लेकर अपने हाथों में पोस्टर ले रखे थे.
इन पोस्टरों पर हसदेव को बचाने और राहुल गांधी को अपना वादा पूरा करने की बात लिखी हुई थी.
गौरतलब है कि चुनाव से पहले हसदेव अरण्य में पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आदिवासियों से वादा किया था कि खनन के खिलाफ उनकी लड़ाई में कांग्रेस पार्टी उनके साथ है.
लेकिन राज्य में भूपेश बघेल की सरकार बनते ही हसदेव में अडानी के एमडीओ वाले खदानों की प्रक्रिया तेज कर दी गई.
हसदेव अरण्य में फर्जी ग्रामसभा, WII की प्रतिकूल रिपोर्ट, हाथियों के आवासीय संकट, हसदेव बांध से 6 लाख हेक्टेयर सिंचित इलाके के प्रभावित होने के बाद भी भूपेश बघेल की सरकार ने एक के बाद एक धड़ाधड़ खनन परियोजनाओं की तरफ हाथ बढ़ाए.