राहुल गांधी ने रायबरेली से भरा पर्चा
नई दिल्ली | डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ने के लिए शुक्रवार को नामांकन दाखिल कर दिया. नामांकन दाखिल करते समय उनके साथ उनकी मां और कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गाँधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, बहन प्रियंका गाँधी, अशोक गहलोत, रेवंत रेड्डी भी उपस्थित थे.
अभी रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद हैं.
राहुल गांधी केरल के वायनाड से भी उम्मीदवार हैं, जहां मतदान हो चुका है.
इससे पहले राहुल गांधी ने 2019 में अमेठी से चुनाव लड़ा था लेकिन वे भाजपा की स्मृति इरानी से चुनाव हार गए थे.
रायबरेली से क्यों लड़ रहे हैं राहुल
राहुल गांधी के अमेठी की बजाय रायबरेली से लड़ने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ”रायबरेली सिर्फ़ सोनिया जी की नहीं, ख़ुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है. यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है.”
जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, ”राहुल गांधी राजनीति और शतरंज के मंजे हुए खिलाड़ी हैं और सोच समझ कर दांव चलते हैं.”
”इस निर्णय से बीजेपी, उनके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गए हैं. बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो परंपरागत सीट की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा कि अब क्या करें?”
जयराम रमेश ने कहा, ”रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है. राहुल गांधी तो तीन बार उत्तर प्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गये, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाए?”
प्रियंका गांधी के चुनाव नहीं लड़ने पर जयराम रमेश ने कहा, ”प्रियंका जी धुआंधार प्रचार कर रही हैं और अकेली नरेंद्र मोदी के हर झूठ का जवाब सच से देकर उनकी बोलती बंद कर रही हैं. इसीलिए यह ज़रूरी था कि उन्हें सिर्फ़ अपने चुनाव क्षेत्र तक सीमित ना रखा जाए. प्रियंका जी तो कोई भी उपचुनाव लड़कर सदन पहुँच जाएंगी.”
”आज स्मृति इरानी की सिर्फ़ यही पहचान है कि वो राहुल गांधी के ख़िलाफ़ अमेठी से चुनाव लड़ती हैं. अब स्मृति ईरानी से वो शोहरत भी छिन गई.”
स्मृति इरानी ने कहा-हार मान ली
केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने राहुल गांधी की जगह किशोरी लाल शर्मा के अमेठी से चुनाव लड़ने पर कहा, ”मेहमानों का स्वागत है. हम मेहमानों के स्वागत में कोई कसर नहीं रहने देंगे.”
उन्होंने कहा कि ”अमेठी से गांधी परिवार का नहीं लड़ना ये संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में एक वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपनी हार स्वीकार कर चुकी है.”
स्मृति इरानी ने कहा, ”उन्हें लगता यहां जीत की गुजांइश है तो वो यहां से चुनाव लड़ते.”