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पुणे भूस्खलन: 17 शव निकले, 200 फंसे

पुणे | समाचार डेस्क: महाराष्ट्र के पुणे के नजदीक गांव में भूस्खलन से 35 घर दब गये हैं. जिसमें से अब तक 17 शव बाहर निकाल लिया गया है तथा करीब 200 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. घटना स्थल पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के दल पहुंच चुके हैं.

पुणे पुलिस ने कहा कि जिले की अंबेगांव तालुका के मालिन गांव में 35 मकानों में रहने वाले लोग पहाड़ी से खिसकी जमीन के मलबे के नीचे उस समय फंस गए जब वे सो रहे थे.

इस गांव में लगभग 50 घर हैं. यह जानकारी राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, एनडीआरएफ ने दी. एनडीआरएफ के प्रवक्ता अनिल शर्मा ने बताया कि हादसा पुणे जिले के एक गांव में सुबह छह बजे के आसपास हुआ. प्रारंभिक रपट के मुताबिक हादसे का कारण भारी बारिश है.

उन्होंने कहा, “45-45 सदस्यों वाले एनडीआरएफ के दो दल हादसा स्थल पर पहुंच चुके हैं, जबकि पांच और पहुंचने वाले हैं. यदि जरूरत पड़ी, तो 17 और दल तैयार हैं.”

एक बयान में एनडीआरएफ ने कहा, ” बुधवार सुबह छह बजे भूस्खलन होने की जानकारी मिली, जिसके बाद जिला प्रशासन ने सुबह 10.45 बजे मदद का आग्रह किया. इसके बाद हादसा स्थल के लिए दो दल सुबह 11 बजे निकल गए.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर अफसोस जताया और कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह हादसा स्थल का जायजा लेने जाएंगे.

मोदी ने ट्वीट किया, “भूस्खलन में लोगों की मौत दुखद है. राजनाथ जी से बात हुई है, वे हादसा स्थल का जायजा लेने पुणे जाएंगे.”

राज्य के संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन पाटिल ने कहा कि अधिकारियों ने मृतकों की संख्या 10 बताई है, जबकि 150 से अधिक लोग मलबे में दबे हुए हैं.

पुलिस अधिकारी विनोद पवार ने मीडियाकर्मियों को बताया कि दुर्घटना पुणे के अंबेगांव तहसील के मालिन गांव में तड़के पांच बजे के करीब हुई. यह भूस्खलन भारी बारिश के कारण हुआ है.

पिछले चार दिनों से यहां भारी बारिश जारी है, जिससे राहत कार्य में बाधा आ रही है.

नजदीक के गांव के लोग, पुलिस, केंद्रीय व राज्य आपदा अधिकारी, सैनिक व राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक और विधानसभा अध्यक्ष दिलीप वलसे-पाटिल ने कहा कि घटना के वक्त करीब 150 ग्रामीण सो रहे थे. कीचड़, मलबे और शिलाखंडों के बीच कई लोगों के दबे होने की आशंका है. सेना से मदद की गुहार लगाई गई है.

नजदीकी शहरों से घटनास्थल पर 50 एंबुलेंस भेजे गए हैं और पुणे के सासून अस्पताल के सभी वार्डो को घायलों के उपचार के लिए तैयार रखा गया है.

जिले के अधिकारियों का कहना है कि एहतियातन आसपास आधे दर्जन गांव के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. कीचड़ तथा रात हो जाने के कारण बचाव कार्य में दिक्कत आ रही है. अभी भी मलबे में कई शव बाहर निकलने की आशंका व्यक्त की जा रही है.

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