राष्ट्र

मोदी बनाम प्रियंका

नई दिल्ली | एजेंसी: कांग्रेस 2014 के चुनाव प्रचार में मोदी के खिलाफ प्रियंका को उतारने का योजना पर काम कर रही है. कांग्रेस सूत्रो के अनुसार लोग प्रियंका गाधी में इदिरा गांधी की छवि देखते हैं.

स्वर्गीय इंदिरा गांधी की छवि एक कठोर प्रशासक की थी, जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी कांग्रेस के लिये राह बना लेती थी. भाजपा, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि भारत के पूर्व गृहमंत्री बल्लभ भाई पटेल के रूप में पेश करती आयी है. इसके मुकाबले प्रियंका गांधी की इंदिरा गांधी वली छवि पार्टी को कितना फायदा पहुचायेगी यह कहना अभी जलदबाजी होगी.

इससे पहले प्रियंका गांधी केवल रायबरेली तथा अमेठी में प्रचार करती आयी है. अब कांग्रेस पार्टी उसकी छवि का इस्तेमाल व्यापक तौर पर करने जा रही है. कुछ प्रेक्षकों का मानना है कि इससे कांग्रेस को लाभ होगा. वैसे भी प्रियंका गांधी राजनीति में राहुल गांधी से पहले आयी थी.

कांग्रेस के इस योजना का भाजपा ने खासा मजाक उड़ाया है. भाजपा के सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस को आभास हो गया है कि नरेंद्र मोदी जी का रथ बहुत तेजी से दौड़ रहा है. इसलिए वे नया प्लान बना रहे हैं. पर वे चाहें कुछ भी कर लें केंद्र में अगली सरकार मोदी जी के नेतृत्व में ही बनेगी.’

राहुल और सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘इस प्लान से साफ है कि मां-बेटे की जोड़ी में वो दम नहीं कि मोदी को टक्कर दे सके. अब उन्हें परिवार के एक और सदस्य की जरूरत पड़ गई है.’

गौर तलब है कि इंदिरा गांधी के राजनीतिक जीवन के आपातकाल वाले हिस्से को छोड़कर और कोई आरोप उन पर लगाना मुश्किल है. उन्होंने देश में बैंकों तथा कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण करने जैसा सराहनीय काम किया था. पूर्व राजाओं को दिया जाने वाला प्रीवी पर्स को खत्म करने का साहस इंदिरा गांधी ने ही किया था.

इंदिरा गांधी ने गुटनिरपेक्ष आंदोंलन को मजबूती प्रदान की थी. जबकि मोदी के हिस्से में इतने वाहवाही करने वाले कार्य दर्ज नही हैं. मोदी के दामन में तो गुजरात दंगों के दाग लगे होने का आरोप लगाया जाता है.

यदि कांग्रेस वाकई में प्रियंका गांधी को मोदी के खिलाफ 2014 के आम चुनाव में प्रचार में उतारती है तो उनकी बेदाग इतिहास तथा इंदिरा गांधी के छवि से मोदी को खासी परेशानी हो सकती है.

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