मोदी की चाय, मिशन 2019
नई दिल्ली | विशेष संवाददाता: रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए के सांसदों को चाय पर बुलाया. सेवन रेस कोर्स रोड के पंचवटी हाल में चाय पर चर्चा के दौरान, केन्द्रीय मंत्रियों ने अपने विभागों के कामों की जानकारी दी तथा भविष्य की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला. नमो की ‘चाय पे चर्चा’ लोकसभा चुनाव के समय बहुत चर्चित हुई थी. इसके माध्यम से नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता से रूबरू होकर देश की समस्याओं पर चर्चा की तथा भाजपा के योजनाओं की जानकारी दी थी. जाहिर है कि मोदी की ‘चाय पे चर्चा’ ने उनके मिशन 272+ को उसके अंजाम से बेहतर स्थिति में पहुंचाने में मदद की.
रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने जो ‘चाय पे चर्चा’ की वह कई मायनों में पुराने ‘चाय पे चर्चा’ से अलग थी. इस बार जीतकर संसद पहुंचे, एनडीए खेमे के सांसदों को बुलाया गया था. प्रधानमंत्री निवास के पंचवटी हाल को जिसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने बनवाया था रविवार को छोटा पड़ गया. हाल ठसाठस भर गया था तथा प्रधानमंत्री मोदी ने टिप्पणी की कि यह हाल अब छोटा पड़ने लगा है. गौरतलब है कि मोदी के युग में भाजपा तथा एनडीए के सांसदों की संख्या में इतना इजाफा हुआ है कि लोकसभा में स्पष्ट बहुमत हो गया है.
कांग्रेस के नाकामियों का ढ़िढ़ोरा पीट-पीटकर तथा विकास का सपना दिखाकर दिल्ली की सत्ता को हासिल करने वाले मोदी के दिमाग में अवश्य ही 2019 का लोकसभा चुनाव है. उस समय उनके पास कांग्रेस या विरोधियों को कोसने के लिये कुछ नहीं होगा. बल्कि, उन्हें अपने कामों के आधार पर वोट मांगना पड़ेगा. सवाल यही पर खड़ा होता है कि मोदी सरकार के द्वारा किये जा रहे कामों को जनता तक पहुंचाने के लिये क्या केवल सरकारी मशीनरी पर भरोसा करके रहा जा सकता है. क्या, सांसदों की इसमें कोई भूमिका नहीं होनी चाहिये. निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सांसदों को ‘चाय पे चर्चा’ के लिये बुलाने के नेपथ्य में यह बात रही होगी.
मोदी सरकार ने देश में स्वच्छता अभियान छेड़ रखा है पर उन्हें अच्छी तरह से मालूम है कि इससे मीडिया की सुर्खियां तो बटोरी जा सकती है परन्तु जब तक जनता के मूल समस्याओं का हल न निकाला जाये तब तक उनसे आगे वोट हासिल करना दुश्वर काम होगा. ऐसा नहीं है कि मोदी सरकार ने इस दिशा में प्रयास नहीं किये हैं. प्रधानमंत्री द्वारा शुरु किया गया ‘मेक इन इंडिया’ वास्तव में देश को मैनुफैक्चरिंग हब में बदलने की एक ईमानदार कोशिश है. इससे देश के युवा वर्ग को नौकरी मिलेगा तभी ‘श्रमवेय जयते’ के माध्यम से देश के आईटीआई के छात्रों को आगे बढ़ने की अपील की गई है. इतना जरूर है कि इस ‘मेक इन इंडिया’ से आम जनता बड़ी भारी कमाई करने नहीं लगेगी परन्तु इससे उनके बेकार बच्चों को रोजगार तो अवश्य ही मिलने जा रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी को अपने सरकार द्वारा किये जा रहें कामों को जनता तक पहुंचाने के लिये एनडीए के सांसदों का भी साथ चाहिये तभी जाकर उनके लिये मिशन 2019 आसान हो सकता है. यही है रविवार के ‘चाय पे चर्चा’ का निचोड़.