राष्ट्र

राहुल के निशाने पर मोदी सरकार

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: राहुल गांधी ने लोकसभा में बुधवार को मोदी सरकार पर व्यंग्यात्मक अंदाज में जोरदार हमला बोला. उन्होंने मोदी की पाकिस्तान नीति से लेकर कालाधन, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय विवाद और नगालैंड समझौता तक पर निशाना साधा. अपने उपाध्यक्ष के संबोधन के दौरान कांग्रेस के सांसद सदन में मेज थपथपाते सरकार के कृत्यों पर छी-छी बोलते रहे. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने मोदी को घेरने के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों में भाषण किया. उन्होंने कहा कि मोदी ने अपने मंत्रियों तक से सलाह लिए बिना गत 25 दिसंबर को पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से मिलने के लिए लाहौर जाकर भारत के हितों का अनादर किया.

राहुल ने लोकसभा में अपने 31 मिनट के भाषण में कहा, “पाकिस्तान ने मुंबई में इस देश पर सीधा हमला किया. उसने प्रशिक्षण देकर हत्यारों को इस देश में भेजा. और प्रधानमंत्री ने क्या किया? इन्होंने कोई दूरदर्शिता दिखाए बिना पाकिस्तान जाने और वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ चाय पीने का फैसला किया. अचानक गत 25 दिसंबर को लाहौर का दौरा करने से पहले मोदी ने किसी से पूछने की भी जहमत नहीं उठाई.”

राहुल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने ‘इस देश को उस छोटे से पिंजरे से बाहर’ कर दिया जिसमें इसे वर्ष 2008 के मुंबई हमले के बाद डाला गया था. उस हमले में 166 भारतीय और विदेशी मारे गए थे.

उन्होंने हमारी छह साल की मेहनत पर पानी फेर दिया. उन्होंने उसे (पाकिस्तान को) एक हैसियत भेंट में दे दी और उसे हमने जिस पिंजरे में बंद किया था, उससे उसे निकाल दिया. उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज, मुंबई हमले में, पठानकोट हमले में मरे लोगों और हमारे अफसरों की मेधा का अपमान किया.”

राहुल ने सत्ता पक्ष की ओर देखते हुए कहा, “उन्होंने 25 दिसंबर की अपनी लाहौर यात्रा की जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजनाथ सिंह से भी साझा नहीं की.”

उनकी इस टिप्पणी का सत्तापक्ष सांसदों की ओर से भारी विरोध हुआ.

इसके बावजूद वह बोलते रहे, “प्रधानमंत्री को दूसरों का भी सुनना होगा. वे राजनाथ सिंहजी की, सुषमाजी की, आडवाणीजी की और अपने सांसदों की सुनें.”

जब राहुल गांधी बोले रहे थे तब प्रधानमंत्री सदन में नहीं थे.

बार-बार हस्तक्षेप के बावजूद कांग्रेस उपाध्यक्ष बोलते रहे. एक बार उन्होंने भाजपा के सांसदों को देखा और मुस्कराते हुए कहा, “बोलने दो भाई.”

राहुल ने मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली पर चुनाव के दौरान किए गए अपने वादों से मुकरने और कालेधन को सफेद करने में धनी लोगों की सहायता करने का आरोप लगाया.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लेते हुए कहा, “मोदी जी ने वादा किया था कि वे काला धन रखने वाले लोगों को जेल की सलाखों के पीछे करेंगे, लेकिन अब वे उन्हें बचाने की तरकीब लेकर आए हैं. मोदी सरकार ने काले धन को सफेद बनाने के लिए ‘फेयर एंड लवली योजना’ की शुरुआत की है. जेटली द्वारा ऐसी योजना की लॉन्चिंग देखकर मैं हतप्रभ हूं.”

राहुल ने कहा, “प्रधानमंत्री ने चुनाव के वक्त लोगों से वादा किया था कि वे विदेशों में जमा काले धन को वापस लाएंगे, लेकिन वह इसे पूरा करने में नाकाम साबित हुए हैं.”

राहुल ने कहा, “काला धन रखने वाले किसी भी व्यक्ति को मोदी सरकार की ‘फेयर एंड लवली’ योजना के तहत जेल की सजा नहीं हुई. वे लोग इस योजना से अपने काले पैसे सफेद करने में लगे हुए हैं.”

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