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मोदी चले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन

नई दिल्ली | संवाददाता: प्रधानमंत्री मोदी 15-16 जुलाई को फोर्टालेजा में ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेंगे. इसके लिये रविवार को मोदी ब्राजील के लिये रवाना हुए. 26 मई को शपथ ग्रहण करने के बाद पहली बार वह बहुपक्षीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. सारे देश की नजर मोदी के इस यात्रा पर लगी हुई है कि अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री कैसा प्रभाव छोड़ते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करेंगे. मोदी पहली बार चीन के राष्ट्रपति जिंगपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. जिसमें चीन के साथ सीमा तथा आपसी व्यापार को लेकर चर्चा होने की संभावना है. ब्रिक्स के छठे शिखर सम्मेलन का आयोजन फोर्टालेजा और ब्राजीलिया में 15-16 जुलाई के बीच हो रहा है.

गौरतलब है कि ब्राजील, रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्री सितंबर 2006 में न्यूयॉर्क शहर में मिले थे और उच्च स्तरीय बैठकों की एक श्रृंखला की शुरुआत की थी. जिसे आज दक्षिण अप्रीका के शामिल हो जाने के बाद से ब्रिक्स के नाम से जाना जाता है.

इसके घटक राष्ट्र ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं. मूलतः ,2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल किए जाने से पहले इसे “ब्रिक” के नाम से जाना जाता था . रूस को छोडकर ,ब्रिक्स के सभी सदस्य विकासशील या नव औद्योगीकृत देश हैं जिनकी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है. ये राष्ट्र क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं.

वर्ष 2013 तक, पाँचों ब्रिक्स राष्ट्र दुनिया के लगभग 3 अरब लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं और एक अनुमान के अनुसार ये राष्ट्र संयुक्त विदेशी मुद्रा भंडार में 4 खरब अमरीकी डॉलर का योगदान करते हैं. इन राष्ट्रों का संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद 15 खरब अमरीकी डॉलर का है. वर्तमान में, दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स समूह की अध्यक्षता करता है.

प्रधानमंत्री ने रवाना होने से पहले जारी हुए एक बयान में कहा कि वह इस सम्मेलन को ब्रिक्स देशों के साझीदारों के साथ वार्ता के अवसर के रूप में देखते हैं “कैसे हम क्षेत्रीय संकट, सुरक्षा के खतरों से निपटने और विश्व में शांति और स्थिरता का माहौल तैयार करने में योगदान दे सकते हैं.”

उनके साथ वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल मौजूद हैं. इस बात की संभावना है कि शिखर बैठक के बाद ‘फोर्टालेजा घोषणा पत्र’ जारी किया जाये. जिसमें इन पॉच देशों के आपसी सहयोग पर बल दिया जायेगा. वैसे इस ब्रिक्स सम्मेलन से किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद नहीं है.

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