शरीफ के समर्थन में जरदारी
इस्लामाबाद | एजेंसी: पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शनिवार को साफ कर दिया कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है. दूसरी ओर आंदोलनरत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता इमरान खान ने कहा है कि शरीफ के इस्तीफे तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और पाकिस्तान अवामी तहरीक ने 2013 के आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है, और शरीफ के इस्तीफे की मांग को लेकर दोनों दल आंदोलनरत हैं.
मौजूदा राजनीतिक संकट पर शरीफ और जरदारी की लाहौर में हुई मुलाकात के बाद वित्त मंत्री इशाक डार ने जरदारी के हवाले से कहा कि प्रधानमंत्री शरीफ के इस्तीफे का सवाल ही नहीं पैदा होता.
डार ने कहा कि पीपीपी ने कानून, संविधान की सर्वोच्चता और लोकतांत्रिक व्यवस्था को लगातार समर्थन देते रहने के प्रति बचनबद्धता जाहिर की है.
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि जरदारी ने साफ कर दिया है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे से सरकारी संस्थाएं कमजोर होंगी.
इस बीच संघीय मंत्री अब्दुल कादरी बलूच ने कहा कि पीटीआई के साथ बातचीत प्रगति पर है और सहमति का मामला पीटीआई नेतृत्व पर निर्भर करता है.
दूसरी तरफ पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने इस्लामाबाद में दोहराया कि प्रधानमंत्री शरीफ के इस्तीफे तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
धरनास्थल पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने इमरान ने कहा, “मैं अंतिम गेंद तक मैंदान में खेलूंगा.”
इमरान ने शरीफ और जरदारी की मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि जनता पहले ही अपना मन बना चुकी है.
उन्होंने सरकार पर पुलिस के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया.
इसके पहले शरीफ और जरदारी ने मौजूदा राजनीतिक गतिरोध पर चर्चा करने के लिए लाहौर में मुलाकात की.
डॉन ऑनलाइन के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति एक हेलीकाप्टर पर सवार होकर शरीफ के घर पहुंचे. शरीफ ने हैलीपैड पर खुद उनकी अगवानी की.
शरीफ के निमंत्रण पर आए जरदारी के साथ पीपीपी के वरिष्ठ नेता राजा रब्बानी, ऐतजाज अहसान और खुर्शीद शाह भी रहे. खुर्शीद शाह नेशनल एसेंबली में विपक्ष के नेता भी हैं.
प्रधानमंत्री के साथ योजना, विकास एवं सुधार मंत्री अहसान इकबाल, संघीय मंत्री साद रफीक और राज्यों व सीमांत क्षेत्र के मंत्री अब्दुल कादिर बलूच बैठक में मौजूद रहे.
प्रधानमंत्री ने जरदारी को शुक्रवार को मुलाकात के लिए बुलाया था.
पीटीआई और सरकार के बीच शुक्रवार रात बातचीत बहाल हुई थी.
सरकार की पीएटी के साथ वार्ता में कोई खास प्रगति नहीं हो पाई और यह किसी निश्चित बिंदु तक नहीं पहुंच सकी है.
शुक्रवार को संसद के निचले सदन नेशनल एसेंबली में पीटीआई के सदस्यों ने विरोध स्वरूप अपना इस्तीफा संसद सचिवालय को सौंप दिया.
पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान और पीएटी के प्रमुख ताहिर उल कादरी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से इस्तीफे की मांग करते हुए 15 अगस्त को मार्च शुरू किया और इस्लामाबाद पहुंच कर एक सप्ताह से वहां धरना दे रहे हैं. शनिवार को आठवें दिन भी दोनों नेताओं का धरना जारी है.
दोनों नेताओं ने पिछले चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए शरीफ को मिले जनादेश को फर्जी कहा है और नेशनल एसेंबली सहित सभी प्रांतीय एसेंबलियों को भंग करने की मांग की है.