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छत्तीसगढ़ में कई केंद्रों पर धान खरीदी बंद

राजनांदगांव | संवाददाता : छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम कई केंद्रों पर बंद कर दिया गया है. धान रखने की जितनी जगह है, उससे कहीं अधिक धान ख़रीदा जा चुका है. धान का उठाव नहीं होने के कारण अब धान रखने की जगह ही नहीं है. ऐसे में धान खरीदी का काम बंद करना पड़ा है.

हालांकि अधिकारियों ने दावा किया है कि जिन खरीदी केंद्रों पर धान खरीदी बंद कर दी गई है, वहां जल्दी ही खरीदी की शुरुआत की जाएगी.

मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी ज़िले के सभी 27 केंद्रों में बुधवार से खरीदी बंद कर दी गई है. कल एक हज़ार से भी अधिक किसान खरीदी केंद्र पर धान बेचने के लिए पहुंचे लेकिन किसानों से धान की ख़रीदी नहीं की गई.

इसी तरह राजनांदगांव ज़िले में धान खरीदी के समिति प्रबंधकों का कहना है कि कम से कम 96 धान खरीदी केंद्रों पर ऐसी स्थिति है, जहां धान खरीदी को कम करना पड़ा है या बंद करना पड़ा है.

राज्य के दूसरे हिस्सों से भी ऐसी ही ख़बरें आ रही हैं.

मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी में तो ज़िला सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने पिछले महीने की 29 तारीख को ही कलेक्टर समेत अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंप कर वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया था. संघ ने साफ कहा था कि धान का परिवहन नहीं होने से खरीदी केंद्र में धान रखने की जगह नहीं बची है. ऐसे में अगर धान का परिवहन नहीं किया गया तो धान खरीदी बंद करनी पड़ेगी.

लेकिन ज़िले के अधिकारियों ने इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया.

इसी तरह राजनांदगांव ज़िले में धान खरीदी केंद्रों से अब तक महज 57 हज़ार क्विंटल धान का ही उठाव हो पाया है. जबकि अब तक अलग-अलग केंद्रों पर 20 लाख 55 हज़ार क्विंटल से अधिक धान की खरीदी हो चुकी है. सारा धान खरीदी केंद्रों पर ही पड़ा हुआ है.

समिति प्रबंधकों की चिंता इस बात को लेकर भी है कि अगल जल्दी धान का उठाव नहीं हुआ तो सूखत की समस्या से उन्हें जूझना पड़ेगा.

इधर धान खरीदी बंद होने के बाद अब ज़िला प्रशासन ने दावा किया है कि तेज़ी से धान उठाव के लिए परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है. कोशिश यही है कि अधिक से अधिक वाहनों की व्यवस्था कर के धान का समय पर उठाव सुनिश्चित किया जाए.

अब तक 26.04 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी

छत्तीसगढ़ में 14 नवम्बर से अब तक 26.04 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है. राज्य में अब तक 5.49 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है.

राज्य सरकार का दावा है कि धान खरीदी के एवज में इन किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 5994 करोड़ 82 लाख रूपए का भुगतान किया गया है.

धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगा.

खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है. इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है.

इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है.

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