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ओडिशा से छत्तीसगढ़ आने लगा धान, चेकपोस्ट पर कोई नहीं

रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान ख़रीदी की शुरुआत नहीं हुई है. लेकिन पड़ोसी राज्यों से अवैध तरीके से बिक्री के लिए धान आने की शुरुआत हो चुकी है.

छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की ख़रीदी करती है. देश में समर्थन मूल्य पर धान की यह सर्वाधिक क़ीमत है. यही कारण है कि पड़ोसी राज्यों के बिचौलिए, वहां का धान ला कर, छत्तीसगढ़ के किसानों के नाम पर बेचने की कोशिश करते रहते हैं.

इस साल छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान की ख़रीदी होगी. लेकिन बिचौलिए अभी से सक्रिय हो गए हैं.

अकेले देवभोग के इलाके के गांवों से अब तक एक हज़ार बोरा से अधिक धान पकड़ा जा चुका है. यह सिलसिला लगातार जारी है.

महासमुंद की सिंघोड़ा पुलिस ने ओडिशा से एक पिकअप में लाद कर लाए जा रहे 80 बोरा धान को जब्त किया है. पुलिस के अनुसार पिकअप क्रमांक OD 17X-7167 में धान का बोरा लाद कर रात को लाया जा रहा था.

ओडिशा सीमा पर पुलिस के बैरियर में जब जांच हुई तो धान का पता चला. जब चालक से इस संबंध में दस्तावेज़ मांगे गए तो वह इसे नहीं दिखा पाया. इसके बाद पुलिस ने खाद्य विभाग को सूचना देते हुए धान को जब्त किया.

ओडिशा सीमा पर 16 चेक पोस्ट लेकिन कर्मचारी लापता

खाद्य विभाग का दावा है कि ओडिशा से लगे हुए महासमुंद ज़िले में ही 16 चेक पोस्ट बनाए गए हैं, जहां धान के अवैध परिवहन को रोकने की तैयारी है.

लेकिन सूत्रों का कहना है कि कई इलाके अभी भी ऐसे हैं, जहां से छत्तीसगढ़ में खपाने के लिए बेरोक-टोक धान का परिवहन किया जा रहा है.

हालत ये है कि अधिकांश चेकपोस्ट पर एक बांस का डंडा लगा दिया गया है. वहां अब तक किसी कर्मचारी की तैनाती नहीं की गई है.

नियमानुसार सभी चेक पोस्ट पर पटवारी, आरक्षक, सचिव, रोजगार सहायक, कोटवार समेत 8 लोगों की ड्यूटी लगाने का आदेश जारी किया गया है. ये कर्मचारी 24 घंटे चेकपोस्ट पर तैनात रहेंगे.

ज़िले के आला अधिकारियों ने इस आशय का आदेश 20 अक्टूबर को जारी किया था. लेकिन अब तक इस आदेश पर अमल नहीं हो सका है.

ग्रामीणों का दावा है कि झिरिपानी, पिठापारा, खुटगांव, गोहरापदर, नागलदेही, केंटपदर, खोकसरा, धूपकोट, बरही, कैंटपदर जैसे इलाके से हर दिन गाड़ियों में भर-भर कर अवैध धान आ रहा है.

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