छत्तीसगढ़ में 6000 सुसाइड
रायपुर | संवाददाता: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकडों के अनुसार छत्तीसगढ में पिछले 16 महीनों में छह हज़ार से ज्यादा आत्महत्याएं हुई हैं.
विश्व आत्महत्या नियंत्रण दिवस (10 सितंबर) को जारी किए गए इन आंकडों के अनुसार हत्या के मामलो में छत्तीसगढ़ देश के 13 राज्यों में पाँचवे नंबर पर है जबकि महाराष्ट्र में आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा इन राज्यों में किये गये रिसर्च के बाद जो आंकड़े प्राप्त हुए उनमें अप्रैल 2012 से जुलाई 2013 तक छत्तीसगढ़ में कुल 6 हजार 775 नागरिकों ने आत्महत्या की. इनमें ज्यादातर मामले 20 से 29 साल के युवाओं द्वारा खुदकुशी करने के हैं जो कि एक बेहद चिंताजनक तथ्य है.
एनसीआरबी के अनुसार वर्ष 2012 में देश के 28 राज्यों में अपराध के 1 लाख 32 हजार 667 मामलों में से 2 हजार 778 आत्महत्या के हैं. इनमें सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में क्रमशः महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का नाम सामने आया.
इस शोध रिपोर्ट के आधार पर पाया गया कि बलरामपुर, बस्तर, दक्षिण बस्तर में दंतेवाड़ा, दुर्ग, कोंडागांव, कोरबा, कोरिया, सूरजपुर और सुकमा जिलों को छोड़ राज्य में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने कम आत्महत्या की है. वहीं आत्महत्या के मामलों छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में 88 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 12 प्रतिशत पाए गए हैं.
इमरजेंसी मेडिकल रिस्पांस सर्विस (ईएमआरआई) की 108 एम्बुलेंस सेवा रिकॉर्डों से प्राप्त आंकड़ों को राज्य के जिले के हिसाब से देखा जाए तो यह स्पष्ट होता है कि बिलासपुर व रायपुर जिले में सर्वाधिक आत्महत्या के प्रकरण सामने आये हैं.
आत्महत्या मामलों के इन आंकड़ों को खंगालने के लिये डॉ. रामन्ना राव, सुश्री रजनी दंथाला और सुनाध लंकापल्ली की टीम ने देश के 13 राज्यों आंध्रप्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, गोवा, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरांचल, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के ग्रामीण और शहरी इलाकों के आंकड़ों पर शोध किया.