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भारत के साथ गलतफहमी दूर करेंगे ओली

काठमांठू | समाचार डेस्क: नेपाल के प्रधानमंत्री ओली भारत के साथ हुई गलतफहमी को दूर करना चाहते हैं. इसकी जानकारी उन्होंने नेपाली संसद को दी. साथ ही उन्होंने नेपाली संसद को आश्वस्त किया कि किसी भी तरह के नेपाल के हितों के विपरीत समझौते पर उनकी यात्रा के दौरान हस्ताक्षर नहीं किये जायेंगे. उनका उद्देश्य नेपाल में भारतीय निवेश को बढ़ावा देने का होगा. नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली जो जल्द भी भारत की आधिकारिक यात्रा पर आनेवाले हैं, ने मंगलवार को कहा कि उनका इस दौरे पर भारत के साथ गलतफहमी को दूर करना लक्ष्य होगा.

संसद को अपनी छह दिवसीय भारत यात्रा की जानकारी देते हुए ओली ने कहा कि भारत के साथ संबंध 21वीं सदी की भावना के आधार पर पारस्परिक लाभ पर केंद्रित होंगे.

ओली के साथ 60 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत के दौरे पर आएगा, जिनमें कई मंत्री, सरकारी अधिकारी, सांसद, विभिन्न पार्टियों के नेता, उद्योगपति और पत्रकार शामिल होंगे. ओली की यह यात्रा 19 फरवरी से शुरू होगी.

ओली नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य सरकारी अधिकारियों से शनिवार व रविवार को मुलाकात करेंगे.

उसके बाद वे मुंबई जाएंगे जहां वह उद्योगपतियों को संबोधित करेंगे.

ओली ने संसद को आश्वस्त किया कि नेपाल के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ भारत के साथ किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए जाएंगे.

उन्होंने कहा, “मेरी यात्रा गतिरोध समाप्त करने के लिए है न कि मतभेद पैदा करने के लिए.”

भारत के साथ विवाद वाले मुद्दों के संबंध में ओली ने कहा कि हमें नई दिशा में चलना चाहिए. नेपाल दोनों देशों के बीच शांति, एकता और समादर चाहता है. मैं वहां नेपाल में भारतीय निवेश पर फोकस करूंगा.

ओली ने कहा कि अतीत में दोनों देशों के बीच कुछ कड़वाहट आई है, लेकिन अब हम पारस्परिक लाभ और सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेंगे और समृद्धि के पथ पर साथ-साथ आगे बढ़ेंगे.

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