अब किसान पहचाने जाएंगे यूनिक नंबर से
रायपुर| संवाददाताः देशभर के किसानों की अब अलग पहचान होगी. किसान अपने नाम के अलावा अपने फॉर्मर आईडी से पहचाना जाएगा. इस आईडी में किसान का पूरा लेखाजोखा दर्ज होगा. एक बटन दबाते ही किसान की जमीन का पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध हो जाएगा. साथ ही यह भी पता चलेगा कि किसान अपनी जमीन पर कौन-कौन सी फसलें उगाता है. इसके अलावा किसान से संबंधित और कई महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाएगी.
केन्द्र सरकार किसानों की अलग पहचान बनाने के लिए फॉर्मर आईडी बनवा रही है.
इस योजना का नाम फॉर्मर रजिस्ट्री रखा गया है.
सरकार के पास वर्तमान में किसानों की जानकारी संख्या के आधार पर है.
किसानों के लिए कोई भी योजना बनाते समय यहीं से डेटा लिया जाता है, लेकिन फॉर्मर आईडी बन जाने से इसी आईडी से फाइनल डेटा लिया जाएगा.
पंजीयन के लिए चार विकल्प
केंद्र सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा विकसित की गई इस योजना के तहत किसानों के पंजीकरण के लिए चार विकल्प दिए गए हैं.
जिसमें किसान खुद भी वेबसाइट के जरिए पंजीयन करा सकते हैं.
इसके अलावा पटवारी और मोबाइल एप के माध्यम से भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
साथ ही राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों से भी अपना पंजीकरण करा सकते हैं.
इसके अलावा सीएससी के ऑपरेटर से भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा.
फौती-बटवारा में नाम नहीं बदलेगा
बताया गया कि जिस्ट्रेशन के पहले जियो रिफ्रेशिंग के माध्यम से किसानों की जमीन के खसरे को यूनिक नंबर दिया जा रहा है.
इसके बाद फॉर्मर आईडी से जियो रिफ्रेशिंग का यूनिक नंबर लिंक हो जाएगा.
फॉर्मर आईडी में नंबर लिंक होते ही किसान का कितना रकबा और उसके कितने हिस्सेदार है वे सब दर्ज हो जाएगा.
इसमें यह भी सुविधा दी गई है कि वक्त आने पर फौती कटने या बंटवारा की बारी आएगी तो जमीन का नाम बदलने के बजाय यूनिक नंबर के आधार पर दूसरे के नाम पर ट्रांसफर किया जाएगा.
सरकारी योजना के लिए यूनिक नंबर जरूरी
फॉर्मर आईडी बनने के बाद किसानों को यूनिक नंबर दिया जाएगा. इसी यूनिक नंबर के आधार पर किसानों को आगे सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा.
केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड केसीसी, उर्वरक अनुदान, प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना, केंद्रीय सरकार प्रणाली के तहत आईसीसीसी, कृषि डीएसएस, एम किसान, पीएमएस, एनपीएसएस, बीज क्रेडिबिलिटी प्रणाली, किसान कॉल सेंटर, राज्य सरकार की योजनाओं के तहत कृषि ऋण योजना, मुख्यमंत्री किसान सहायता योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, कृषि मशीनीकरण योजनाएं समेत अन्य योजनाएं भी इसी प्रणाली के अंतर्गत आएगी.