केंद्र ने फिर कहा- कोयले की कोई कमी नहीं
रायपुर | संवाददाता: केंद्र सरकार ने फिर कहा है कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं है.केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को कोयले की कमी को लेकर फिर से स्थिति स्पष्ट की है.
दूसरी ओर देश भर में समय-समय पर कोयले की कमी का हवाला दे कर छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में एक के बाद एक कोयला खदानों की मंजूरी दी जा रही है.
वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने सरकार के कहने पर किए गये अध्ययन में यह साफ चेतावनी दी है कि हसदेव के इलाके में कोयला खदानों की मंजूरी एक ऐसे विनाश को जन्म देगी, जिससे निपटना असंभव होगा.
लेकिन ऐसी चेतावनियों के बाद भी राज्य की कांग्रेस पार्टी की सरकार ने अडानी के एमडीओ वाले कोयला खदानों को अपनी हरी झंडी दे दी है.
परसा जैसे खदानों की ग्रामसभा को लेकर यह साफ है कि फर्जी ग्रामसभा के आधार पर इसकी अनुमति हासिल की गई है. लेकिन आदिवासियों के विरोध के बाद भी सरकार ने मामले की जांच कराना ज़रुरी नहीं समझा.
हालत ये है कि छत्तीसगढ़ में राजस्थान सरकार को आवंटित कोयला खदान को अडानी को एमडीओ आधार पर दे दिया गया है.
राजस्थान सरकार अपनी ही खदानों से, कोल इंडिया से कहीं अधिक क़ीमत पर कोयला ख़रीदती रही है. यही कारण है कि राजस्थान में आम जनता को बिजली की अधिक कीमत चुकानी पड़ती है.
कोयला उत्पादन का हाल
पिछले साल भर के आंकड़े बताते हैं कि देश में कोयले का उत्पादन लगातार बढ़ता गया है. पिछले साल भर में कोयले का उत्पादन प्रति माह 51.617 मिलियन टन से बढ़ कर 95.809 मिलियन टन हो गया है.
केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार कोयला उत्पादन के अनंतिम माहवार आंकड़े इस प्रकार हैं-
अप्रैल 2021- 51.617 मिलियन टन
मई 2021- 53.252 मिलियन टन
जून 2021- 50.984 मिलियन टन
जुलाई 2021- 54.238 मिलियन टन
अगस्त 2021- 53.875 मिलियन टन
सितंबर 2021- 51.718 मिलियन टन
अक्टूबर 2021- 63.930 मिलियन टन
नवंबर 2021- 67.943 मिलियन टन
दिसंबर 2021- 74.787 मिलियन टन
जनवरी 2022- 79.635 मिलियन टन
फरवरी 2022- 79.537 मिलियन टन
मार्च 2022- 95.809 मिलियन टन