नीतीश जाएंगे कांग्रेस के साथ ?

पटना | संवाददाता: क्या नीतीश कुमार की जदयू कांग्रेस का दामन थाम सकती है? कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान के बाद बिहार की राजनीति में यह सवाल तेज़ हो गया है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यह कह कर राजनीतिक अटकलों को हवा दे दी है कि नीतीश कुमार और जदयू के कांग्रेस के दामन थामने को लेकर पार्टी के बड़े नेता फैसला करेंगे.

दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता भक्त चरण दास ने कहा है कि कांग्रेस और जदयू समान विचारधारा वाली पार्टी हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और जदयू के सिद्धांत मेल खाते हैं. हम चाहेंगे कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने वाले दल एक साथ आएं.

इधर जदयू नेता शरद यादव ने कहा कि गठबंधन में समस्याएं जरूर हैं, जिन्हें सुझलाने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने भाजपा के सामने कोई शर्त नहीं रखी है. शरद यादव ने बिहार में पार्टी नेताओं के बयान को खारिज करते हुए कहा कि गठबंधन पर फैसला पार्टी की बैठक के बाद होगा.

इस बीच पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नीतीश कुमार को भाजपा से बहुत पहले अलग हो जाना चाहिए था, अब देर हो गई है. तिवारी ने कहा कि 2010 में यदि पार्टी भाजपा से अलग हो जाती तो बेहतर होता.

राज्य में कांग्रेस विधायक तौफीफ आलम ने सोनिया गांधी से आग्रह किया है कि भाजपा से अलग होने के बाद कांग्रेस नीतीश कुमार की सरकार का समर्थन करे. बिहार विधानसभा में बहुमत के लिये नीतीश कुमार को 4 विधायकों का समर्थन चाहिये और बिहार में कांग्रेस के 4 विधायक हैं.

error: Content is protected !!