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करतला-डोंगरगढ़ व्हाया मुंगेली-खैरागढ़ नई रेल लाइन को मंजूरी

बिलासपुर | संवाददाता: डोंगरगढ़ से बिलासपुर तक बिछने वाली रेल लाइन अब नए तरीके से तैयार होगी. रेल मंत्रालय ने इस रेल लाइन के निर्माण को नए मापदंडों के आधार पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. रेल लाइन को आर्थिक तौर पर आकार देने का काम छत्तीसगढ़ सरकार और रेल मंत्रालय की ज्वाइंट वेंचर कंपनी छत्तीसगढ़ रेल कारपोरेशन लिमिटेड यानी सीआरसीएल करेगी.

इस रेल लाइन का नया नाम करतला-डोंगरगढ़ व्हाया मुंगेली, कवर्धा, खैरागढ़ किया गया है. 255 किलोमीटर लंबी रेल लाइन कटघोरा, घुटकू, मुंगेली, कवर्धा, खैरागढ़ होते हुए डोंगरगढ़ तक जाएगी. लाइन को सैद्धांतिक मंजूरी 7 दिसंबर 2017 को मिली है. रेलवे बोर्ड के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर (जेवी) राजेश अग्रवाल द्वारा जारी आदेश में कटघोरा से करतला तक की 22 किलोमीटर लंबी दूसरी रेल लाइन को भी मंजूरी मिली है.

255 किलोमीटर लंबी रेल लाइन की अनुमानित लागत 4442.6 करोड़ रुपए तो 22 किलोमीटर लंबी कटघोरा-करतला लाइन की लागत 378 करोड़ रुपए आंकी गई है. इन दोनों रेल लाइनों की मंजूरी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने 23 अक्टूबर 2017 को रेल मंत्रालय को पत्र लिखा था.

किसकी कितनी हिस्सेदारी
करतला-डोंगरगढ़ और कटघोरा-करतला रेल लाइन की सैद्धांतिक मंजूरी के आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि किसकी कितनी भागीदारी होगी. राज्य सरकार और रेल मंत्रालय की जवाइंट वेंचर कंपनी सीआरसीएल कुल लागत 4821 करोड़ रुपए की 30 फीसदी राशि की व्यवस्था स्पेशल पर्पज वेकल पेटर्न पर करेगी. यानी इस राशि में रेल मंत्रालय, राज्य सरकार के अलावा निजी कंपनियों की भी भागीदारी रहेगी. रेल मंत्रालय ने साफ किया है कि 30 फीसदी राशि की 8 फीसदी यानी 500 से 800 करोड़ रुपए रेल मंत्रालय और राज्य सरकार देंगे. इसमें रेल मंत्रालय न्यूनतम 300 करोड़ रुपए देने को तैयार हो गया है. 500 करोड़ रुपए का बोझ राज्य सरकार पर आएगा. 30 फीसदी राशि का शेष 22 फीसदी हिस्सा निजी कंपनियों से जुटाए जाने की योजना है. लाइन के कुल लागत की 70 फीसदी राशि लोन पर लेने की तैयारी है.

आगे क्या
सीआरसीएल 30 फीसदी राशि की लिक्विडीटी के अलावा डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी डीपीआर तैयार करेगा. रेल मंत्रालय ने इसके लिए 6 महीने का समय दिया है. डीपीआर जोनल रेलवे को भेजा जाएगा. जोनल रेलवे समीक्षा और जीएम के एप्रुवल के साथ अगले 30 दिनों में रिपोर्ट रेल मंत्रालय को भेजेगा. जानकार बताते हैं कि यही रिपोर्ट नीति आयोग और कैबिनेट के समक्ष रखा जएगा. मंजूरी मिलने पर रेल लाइन तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी.

राजनैतिक दबाव में मंजूरी
रेल मंत्रालय ने 2016 के रेल बजट में इन लाइनों को मंजूरी दी थी. रेल मंत्रालय से लेकर राज नेताओं ने खूब वाहवाही बटोरी. राजनैतिक दबाव में मंजूर इन परियोजनाओं के लिए फंड के लाले पड़ गए. परियोजना कागजों में ही कैद रही. अब इसे आकार देने का खाका तैयार हुआ है. जानकारों ने बताया कि राज्य सरकार ने निजी कंपनियों से चर्चा के बाद इस ओर कदम बढ़ाया है. यानी रेल लाइन जहां से गुजरेगी, वहां के उद्योगों से राशि जुटाने का प्लान तैयार हो गया है.

One thought on “करतला-डोंगरगढ़ व्हाया मुंगेली-खैरागढ़ नई रेल लाइन को मंजूरी

  • Sudhanshu buxy

    Kbb se start hoga khairagarh railway ka kaam

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