#netajipapers का खुलासा
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को नेताजी से जुड़े दस्तावेजों का खुलासा किया. राष्ट्रीय अभिलेखागार में नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 100 फाइलों का खुलासा किया. ब्रिटिश सेना के खिलाफ अपनी अलग सेना बनाने वाले स्वतंत्रता सेनानी की मौत सात दशकों बाद भी एक रहस्य बनी हुई है.
सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी से जुड़े दस्तावेजों के खुलासे का फैसला किया है. इसी के तहत मोदी ने शनिवार को नेताजी से जुड़े दस्तावेजों की कुछ 100 डिजिटल फाइलें जारी की.
मोदी ने इसके साथ ही एक वेब पोर्टल ‘नेताजीपेपर्स डॉट गर्वनमेंट डॉट इन’ भी लांच किया, जहां इन दस्तावेजों का डिजिटल संस्करण मौजूद है.
बोस के परिवार के कुछ सदस्य इस फैसले से काफी खुश हैं और उन्होंने इसे ‘पूरे राष्ट्र के लिए एक बेहतरीन दिन’ करार दिया.
राष्ट्रीय अभिलेखागार को 1997 में रक्षा मंत्रालय की ओर से आजाद हिंद फौज से संबंधित 990 फाइलें प्राप्त हुई थीं, जिसकी स्थापना नेताजी ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना के खिलाफ की थी.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और कभी महात्मा गांधी के करीबी सहयोगियों में से एक रहे बोस के बारे में बताया जाता है कि उनका निधन 1945 में फॉरमोसा (अब ताइवान) में एक विमान दुर्घटना में हुआ था, जो अब भी एक रहस्य है.
बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 कारे ओडिशा के कटक में हुआ था.
इस संबंध में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “इन दस्तावेजों के खुलासे से जनता की लंबित मांगें पूरी होंगी और शोधकर्ताओं को भविष्य में नेताजी पर शोध में मदद मिलेगी.”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक ट्वीट में कहा, “नेताजी को ‘राष्ट्र नेता’ का खिताब दिया जाना चाहिए. वह इस सम्मान के हकदार हैं.”
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि इन फाइलों में क्या है, इसे देखने को वह इच्छुक हैं. लेकिन इससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण उनके जीवन और उनकी सोच, उनके काम और उनकी दृष्टि के बारे में चर्चा करना है, न कि उनकी मौत कैसे हुई, हम इस पर चर्चा करते रहें.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े दस्तावेज़
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