इस एसपीओ से मुश्किल में आयेगी सरकार?
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में पुलिस और माओवादियों के बीच कथित सांठगांठ के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले अभय सिंह बंटी का मामला एक बार फिर से चर्चा में है. अभय सिंह बंटी का दावा है कि वह सरगुजा में एसपीओ रहा है. अब खबर है कि सरगुजा जेल में बंद एसपीओ अभय सिंह बंटी से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और विधायक भूपेश बघेल की जेल में कथित मुलाकात को भारतीय जनता पार्टी मुद्दा बनाने के मूड में नज़र आ रही है लेकिन पुलिस के कुछ अधिकारियों का मानना है कि अगर यह मामला तुल पकड़ता है तो यह मुद्दा भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकार के लिये ही मुश्किलें पैदा कर सकता है.
हालांकि कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उन्होंने सरगुजा के जेल में किस बंदी या कैदी से मुलाकात की लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता सच्चिदानंद उपासने ने पूरे मामले पर गृहमंत्री और मुख्यमंत्री से जांच की मांग की है.
सरगुजा के अभय सिंह बंटी ने कुछ साल पहले यह आरोप लगा कर सनसनी फैला दी थी कि छत्तीसगढ़ में पुलिस और माओवादियों के बीच गंभीर सांठगांठ है. अभय सिंह बंटी ने यह आरोप हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में लगाया था और इसे हाईकोर्ट ने भी अत्यंत गंभीरता से लिया था. अदालत ने अभय सिंह बंटी को नियमानुसार सुरक्षा भी मुहैय्या करने के निर्देश पुलिस को दिये गये.
दिलचस्प है कि हाईकोर्ट ने पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुये याचिका पर बंद कमरे में सुनवाई की और उसके बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी किया. इसके बाद अदालत ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये.
लेकिन पूरे मामले की जांच रिपोर्ट जब अदालत में पेश की गई तो सरकार ने अपना पक्ष रखते हुये यह बात साफ की कि माओवादियों और पुलिस के बड़े अफसरों के मामले में पुलिस की जांच रिपोर्ट अगर सार्वजनिक की गई तो इससे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है.
अभय सिंह बंटी की याचिका के बाद पेश की गई जांच रिपोर्ट पर तो कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन उलटे अभय सिंह बंटी पर माओवादियों के साथ मिलीभगत समेत कई गंभीर आरोप लगे और बाद में पुलिस ने अभय सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
अब भूपेश बघेल की अभय सिंह बंटी से जेल में कथित मुलाकात के बाद अभय सिंह बंटी के आरोपों का जिन्न एक बार फिर से चर्चा में है और अगर कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को उठाती है तो ज़ाहिर है, अभय सिंह के आरोप और पुलिस की जांच, रमन सिंह सरकार के लिये मुश्किल पैदा करने वाला साबित हो सकता है.