टाइटन की जांच करेगा ड्रोन
वाशिंगटन | एजेंसी: शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन सौर मंडल का सबसे आकर्षक पिंड बन गया है. नासा ने इसके सतह की जांच के लिए एक अंतरग्रहीय गुब्बारे से एक छोटा ड्रोन छोड़ने की योजना बनाई है.
तथाकथित ‘टाइटन ऐरियल डॉटरक्राफ्ट’ मिशन की अवधारणा के पहले चरण के लिए 5,982,500 रुपये का अनुदान नासा अभिनव उन्नत अवधारणा कार्यक्रम द्वारा उपलब्ध कराया गया है.
शोधकर्ताओं ने कहा कि प्रस्तावित मिशन के तहत एक बैलून के माध्यम से एक क्वाडकॉप्टर ड्रोन को टाइटन की सतह का पता लगाने के लिए भेजा जाएगा. रात में यह ड्रोन रिचार्ज होने के लिए पुन: बैलून के पास लौट आएगा.
नासा ने एक बयान में कहा, “प्रस्तावित मिशन में एक छोटा 10 किलोग्राम से कम जन का ड्रोन एक बैलून के माध्यम से टाइटन तक जाएगा, उसके सतह की काफी नजदीक से उच्च रिजोल्यूशन की तस्वीरें भेजेगा. साथ ही सतह का मानचित्र और अन्य आंकड़े उपलब्ध कराएगा.”
इस ड्रोन का इस्तेमाल टाइटन के वातावरण में हाइड्रोजन और कार्बन की जांच करेगा, क्योंकि वैज्ञानिकों के अनुसार इसका वायुमंडल आरंभिक पृथ्वी के समान ही है.
लाइव साइंस की रपट के मुताबिक, आरंभिक पृथ्वी के वायुमंडल से संभावित समानता के कारण वैज्ञानिक इसका करीब से अध्ययन करना चाहते हैं.
नासा ने कहा, “टाइटन की सतह के विश्लेषण से इस मिशन के माध्यम से हम ग्रहों की सतह पर प्रीबायोटिक रासायनिक विकास के बारे में कई जानकारियों से अवगत हो सकते हैं.”