तकनीक

‘उड़न तस्तरी’ का परीक्षण टला

वाशिंगटन | एजेंसी: नासा ने खराब मौसम के कारण तश्तरी के आकार के प्रयोगात्मक वाहन का परीक्षण उड़ान बुधवार तक टाल दिया गया है. यह परीक्षण भारी अंतरिक्ष यान के लाल ग्रह पर लैंडिंग को संभव बनाएगा और मंगल ग्रह पर खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

तेज हवाओं के कारण परीक्षण को कई बार टाला जा चुका है. 5 जून, 7 जून, 9 जून और अब 11 जून.

नासा के अधिकारी ने कहा, “लांच के विलंब में हवाओं की स्थिति ही प्रमुख कारक बनी, क्योंकि एलडीएसडी परीक्षण यान को ढोने वाले बैलून को लांच करने के लिए सही गति और दिशा की जरूरत होती है.”

मंगल तक की उड़ान के लिए नई तकनीक हवाईयन पफर मछली के व्यवहार से प्रेरित है, जो अच्छा तैराक नहीं है, लेकिन तेजी से बहुत सारा पानी अपने अंदर भर लेता है और वस्तुत: एक अखाद्य गेंद में बदल जाता है, जो अपने सामान्य आकार से कई गुणा बड़ा होता है.

हवाईयन पफर मछली के लिए यह भले ही एक सुरक्षा तंत्र हो, लेकिन नासा के लिए यह संभवत: वह तत्व है, जिससे उसे भविष्य में अंतरिक्ष खोज में मदद मिलेगी.

एलडीएसडी 20 फीट परिमाप वाला रॉकेट संचालित बैलून के समान यान है, जिसे सुपरसोनिक इनफ्लैटेबल एयरोडायनामिक डिसीलेरेटर कहते हैं. 120,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए एलडीएसडी परियोजना हिलियम से भरी वैज्ञानिक बैलून का इस्तेमाल करेगा, जिसे नासा के वैलप्स फ्लाइट फैसिलिटी और कोलंबिया वैज्ञानिक बैलून फैसिलिटी द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा.

छोड़े जाने के बाद यह बैलून 3.4 करोड़ क्यूबिक फीट से भी बड़ा होगा.

नासा ने बताया, “आकार ऐसा होगा कि इसके अंदर फुटबॉल का एक पूरा स्टेडियम समा जाएगा.”

error: Content is protected !!