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नान घोटाले की सुनवाई अब नवंबर में

नई दिल्ली | डेस्क: छत्तीसगढ़ के नान घोटाले के आरोपियों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हाईकोर्ट से जुड़े लोगों द्वारा कथित रुप से बचाने के मामले की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट के नये जज करेंगे.

गौरतलब है कि 36 हज़ार करोड़ रुपये के कथित नान घोटाले के दो मुख्य आरोपियों आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा को इस मामले में बचाने को लेकर ईडी ने मामला दायर किया है. ईडी का आरोप है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधि से जुड़े बड़े चेहरे और जज, मामले के दोनों आरोपियों को बचाने के लिए कथित रुप से साजिश में शामिल थे.

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार ने ईडी के इस दावे का खंडन किया कि राज्य के मुख्यमंत्री ने नागरिक अपूर्ति निगम घोटाले के सिलसिले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश से मुलाकात की थी.

राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी, ‘‘हमने जानकारी ली है. मुख्यमंत्री ने कभी भी उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश से मुलाकात नहीं की.’’

मेहता ने यह कहते हुए इसका जवाब दिया कि उन्होंने व्हाट्सऐप बातचीत का केवल उल्लेख किया है.

दो दिन पहले हुई सुनवाई में ईडी ने दावा किया था कि 36 हज़ार करोड़ के नान घोटाले के आरोपियों की जमानत से दो दिन पहले जज ने राज्य के मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी.

गुरुवार को सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस अजय रस्तोगी और एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि इस मामले में सुनवाई सीजेआई ललित के सेवानिवृत्त होने से पहले खत्म नहीं हो सकती है.

इसलिए इस मामले को अगले मुख्य न्यायाधीश से निर्देश प्राप्त करने के बाद नवंबर के तीसरे सप्ताह में सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए गये.

अदालत ने कहा कि ”हालांकि, हमने विभिन्न पक्षकारों के अधिवक्ताओं को कुछ समय के लिए सुना है, लेकिन रिकॉर्ड पर मौजूद तथ्यों और परिस्थितियों तथा विशेष रूप से इस तथ्य पर विचार करते हुए कि संबंधित मामले में दलीलों को एक दिन में पूरा नहीं किया जा सकता है, इसलिए इसे आंशिक सुनवाई से मुक्त किया जाता है.’’

अदालत ने निर्देश दिया, “रजिस्ट्री को सीजेआई के निर्देश के बाद 14 नवंबर, 2022 से शुरू होने वाले सप्ताह में मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाता है. सीलबंद कवर दस्तावेजों को फिर से सील कर दिया जाए.”

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