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नगा समझौते का तरीका दंभी: सोनिया

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: सोनिया गांधी ने केन्द्र सरकार के नगा समझौते के तौर-तरीके पर सवाल उठाये हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हैरत व्यक्त करते हुये कहा कि इस समझौते से पहले पड़ोसी तथा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों तक को सूचना नहीं दी गई थी. उल्लेखनीय है कि सोमवार को केन्द्र सरकार तथा अलगाववादी नगा संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन-आईएम) के बीच नगा शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुये थे.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को एनएससीएन-आईएम के साथ नगा शांति समझौते से पूर्व पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मंत्रणा न किए जाने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए उसे ‘अहंकारी’ बताया. सोनिया ने संसद के बाहर संवाददाताओं को बताया, “हम हैरान हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को विश्वास में लेने की सोची तक नहीं, जबकि ये राज्य इससे सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं.”

उन्होंने कहा, “यह केंद्र सरकार के अहंकार को दिखाता है. सीधे प्रभावित होने वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों से विचार-विमर्श किए बिना कैसे एक समझौते को अंजाम दिया जा सकता है, भले ही समझौते को ऐतिहासिक करार दिया जा रहा हो.”

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार के इस कदम को मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश के लोगों का अपमान बताया, क्योंकि उन्हें इस समझौते के बारे में बताया तक नहीं गया.

पहले से विपक्ष के हमले झेल रही केन्द्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने नगा समझौते के तौर-तरीकों को लेकर नया मोर्चा खोल दिया है.

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