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मुशर्रफ की गिरफ्तारी पर सोमवार को फैसला

इस्लामाबाद | समाचार डेस्क: सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के नाम जारी गिरफ्तारी वारंट पर सुनवाई होगी. उल्लेखनीय है कि निचली अदालत ने मुशर्रफ के नाम गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है जिसे मुशर्रफ ने चुनौती दी है. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने लाल मस्जिद के पूर्व मौलवी की हत्या के मामले में उनके खिलाफ निचली अदालत से जारी गैर-जमानती वारंट को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है. समाचार पत्र ‘डॉन’ की वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद की अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत के न्यायाधीश वाजिद अली ने मुशर्रफ के खिलाफ मंगलवार को वारंट जारी किया था. अदालत ने लाल मस्जिद के पूर्व मौलवी अब्दुल राशिद गाजी की हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान मुशर्रफ के कई बार अदालत से अनुपस्थित रहने के बाद उनके खिलाफ वारंट जारी किया.

पुलिस ने वर्ष 2013 में मुशर्रफ के खिलाफ मामला दर्ज किया था. गाजी और उनकी पत्नी की मौत लाल मस्जिद में 10 जुलाई, 2007 की सैन्य कार्रवाई के दौरान हो गई थी. इस कार्रवाई में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.

लाल मस्जिद में की गई कार्रवाई आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए मुहिम का हिस्सा थी.

इस मामले में अपने खिलाफ इस्लामाबाद की अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत की ओर से जारी गैर-जमानती वारंट को चुनौती देते हुए मुशर्रफ ने कहा है कि इस मामले में पुलिस की जांच में उन्हें दोषमुक्त घोषित किया जा चुका है. मुशर्रफ की ओर से यह याचिका अधिवक्ता मलिक तारिक ने दायर की है. याचिका में गैर-जमानती वारंट जारी करने को खारिज करने का अनुरोध किया गया है.

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ सोमवार को मुशर्रफ की याचिका पर सुनवाई करने वाली है.

मुशर्रफ वर्ष 1999-2008 तक पाकिस्तान के शासक रहे. उन पर वर्ष 2007 में आपातकाल लागू करने को लेकर भी देशद्रोह का आरोप है.

वह वर्ष 2006 में बलूच नेता नवाब अकबर बुग्ती तथा वर्ष 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के सिलसिले में भी विभिन्न आरोपों का सामना कर रहे हैं.

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