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मुंबईकरों को मोनोरेल की सौगात

मुंबई | समाचार डेस्क: मुंबईकरों की आवागमन सुविधा में इजाफा करने वाली देश की पहली मोनोरेल रविवार को आम जनता के लिए खोल दी गई. शुरुआती चरण में वडाला से चेंबूर के बीच चलने वाली इस मोनोरेल को लेकर लोगों में रविवार को भारी उत्साह का माहौल देखा गया. मोनोरेल में सवार होने की चाह लिए कई लोग 7 बजे से ही चेंबूर स्टेशन के बाहर लाइन लगाए दिखे.

हर 15 मिनट के अंतराल में दौड़ने वाली मोनोरेल में चार कोच हैं जिनमें 570 यात्री एक साथ सफर कर सकते हैं. मोनोरेल में इस 8.93 किलोमीटर के सफर को तय करने के लिए यात्रियों को 5 से 20 रुपए तक चुकाने होंगे. प्रथम चरण के पूरे मार्ग की यात्रा 20 मिनट में पूरी होगी. रेल 31 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी.

इससे पहले शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने इसका उद्घाटन किया था. इस दौरान उन्होने, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और कई मीडियाकर्मियों ने मानोरेल की उद्घाटन सेवा में सफर किया.

एमएमआरडीए के संयुक्त निदेशक डी. कवाथकर ने कहा कि प्रथम चरण में सात स्टेशन हैं: वडाला, भक्ति पार्क, मैसूर कॉलनी, बीपीसीएल, फर्टिलाइजर टाउनशिप, वीएनपी-आरसी मार्ग जंक्शन और चेंबूर. इस पूरे चरण में 3000 करोड़ रूपए की लागत आई है.

बताया जा रहा है कि दूसरे चरण में वाडला को दक्षिण मुंबई में संत गाडगे महाराज चौक से जोड़ा जाएगा. मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (एमएमआरडीए) के अधिकारियों ने बताया कि 19.17 किलोमीटर की यह दूरी मध्य 2015 तक पूरी होगी.

पूरी तरह तैयार होने के बाद चेंबूर-संत गाडगे महाराज चौक कॉरिडोर दुनिया में दूसरे नंबर की सबसे लंबा मोनोरेल कॉरिडोर होगा. सबसे लंबा मोनोरेल कॉरिडोर जापान का ओसाका मोनोरेल है जिसकी लंबाई 23.8 किलोमीटर है.

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