आरबीआई रिपोर्ट: निजी बैंकों पर लगे आरोपों की पुष्टि

मुंबई: काले धन को सफेद बनाने का आरोप झेल रहे तीन निजी बैंकों की मुश्किलों में इजाफा होता दिख रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में पाया है कि मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप झेल रहे आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक के कामकाज में भारी अनियमितताएं हैं. रिपोर्ट में बैंको द्वारा नो यॉर कस्टमर (केवाईसी) नियमों की बड़े स्तर पर अनदेखी सामने आई है.

इस बारे में जानकारी देते हुए वित्तीय सेवा सचिव राजीव टकरू ने कहा कि हमें आरबीआई की रिपोर्ट मिल गई है और बैंकों से इस मामले में सफाई मांगी जाएगी. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार व्यवस्थागत और अलग-अलग बैंकों के व्यक्तिगत स्तरों पर गड़बड़ियों की बात सामने आई है जिसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उनके अनुसार हमें आरबीआई को इस बारे में कोई सुझाव देने की जरूरत नहीं है वह सभी जरूरी कदम उठा रहा है.

बैंकिंग विशेषज्ञों का मानना है कि इन तीनों बैंकों द्वारा केवाईसी नियमों की अनदेखी सामने आने के बाद रिज़र्व बैंक अन्य बैंकों में भी बड़े पैमाने पर जाँच करने की योजना बना रहा है. क्योंकि रिजर्व बैंक को इस बात का अंदेशा है कि दूसरे बैंक के कर्मचारी भी आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक के कर्मचारियों की तरह केवाईसी नियमों की अनदेखी कर सकते हैं.

उल्लेखनीय है कि कोबरापोस्ट ने दावा किया था कि एचडीफीसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक काला धन को सफेद बनाने के धंधे में जुटे हुये हैं. ऑपरेशन रेड स्पाइडर द्वारा किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन से पता चला कि इन तीनों बैंकों में फेमा के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए डिमांड ड्राफ्ट के जरिए ब्लैक मनी जमा किया जाता हैं. ऐसा करने वाले ग्राहकों से केवाईसी यानी नो योर कस्टमर और पैन तक नहीं मांगे जाते हैं. इसके बाद आरबीआई इस मामले की ऑडिट कर रहा था.

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