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अडानी पर मोदी चुप, विपक्ष पर हमला

नई दिल्ली | डेस्क: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संसद में दिए अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को धन्यवाद प्रस्ताव पर भाषण दिया. लेकिन उन्होंने अडानी के मामले में कुछ भी नहीं कहा.

गौतम अडानी मामले पर मंगलवार को राहुल गांधी के लगाए आरोपों पर प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा लेकिन उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दिनों में हुए कथित घोटालों का जिक्र किया.

नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार की विफलताओं का जिक्र करते हुए कहा, “साल 2004 से 2014 आजादी के इतिहास में घोटाला का दशक रहा. दस साल भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला चलता रहा. हर नागरिक असुरक्षित था. 10 साल में कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक देश हिंसा का शिकार था.”

उन्होंने कहा, “आज यूपीए की पहचान यही है कि इन्होंने हर मौके को मुसीबत में पलट दिया. जब टेक और इनफॉर्मेशन का युग तेजी से बढ़ रहा थो तो ये 2जी में फंसे रहे. सिविल न्यूक्लियर डील की चर्चा थी तो ये कैश फॉर वोट में फंसे रहे. 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स हुए. सीडब्ल्यूजी घोटाले में पूरा देश बदनाम हो गया. इन्होने 9 साल आलोचना करने की जगह आरोप में गंवा दिए.”

प्रधानमंत्री ने कहा, “यूपीए के वे दस साल में भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला चलता रहा. हर नागरिक असुरक्षित था.”

उन्होंने कहा कि अब कुछ लोगों में निराशा आई है और इस निराशा के पीछे कारण है.

उन्होंने कहा “एक कारण तो जनता का बार-बार हुकुम है. 2004 से 2014 तक भारत की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो गई, इस पर निराशा नहीं होगी तो क्या होगी. 10 साल में महंगाई डबल डिजिट रही इसलिए अगर कुछ अच्छा होता है तो निराशा और उभर कर आती है. उन 10 सालों में भारत की आवाज वैश्विक मंचों पर इतनी कमजोर थी कि दुनिया सुनने को तैयार नहीं थी.”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “तकनीक के समय ये 2जी घोटाले में फंसे रहे और सिविल न्यूक्लियर डील के समय ये ‘कैश फॉर वोट’ में फंसे रहे. सीडब्ल्यूजी के टाइम भी ये घोटालों में फंसे रहे. इन्होंने मौके को मुसीबत में पलट दिया. देश में हर स्तर, हर क्षेत्र में, हर सोच में आशा ही आशा नजर आ रही है. सपने और संकल्प लेकर चलने वाला देश है. लेकिन कुछ लोग ऐसे निराशा में डूबे हुए हैं कि क्या कहें.”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब राष्ट्रपति का भाषण हो रहा था तो कुछ लोग कन्नी भी काट गए और एक बड़े नेता राष्ट्रपति का अपमान भी कर चुके हैं.

पीएम मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति जी ने यह भी कहा था कि देश की एक बड़ी आबादी ने जिन सुविधाओं के लिए दशकों तक इंतजार किया, वे इन वर्षों में उसे मिलीं. देश सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की समस्याओं से मुक्ति चाहता था, वो मुक्ति उसे अब मिल रही है.

उन्होंने कहा-“सदन में हंसी-मजाक, टीका-टिप्पणी, नोंक-झोंक होती रहती है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आज राष्ट्र के रूप में गौरवपूर्ण अवसर हमारे सामने खड़े हैं. गौरव के क्षण हम जी रहे हैं.”

विपक्ष और ख़ासकर कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “चुनाव हार जाओ तो ईवीएम को गाली, चुनाव आयोग को गाली, कोर्ट में फैसला पक्ष में नहीं आया तो सुप्रीम कोर्ट की आलोचना, भ्रष्टाचार की जांच हो रही हो तो जांच एजेंसियों को गाली, सेना अपना पराक्रम दिखाए तो सेना को गाली… सेना पर आरोप.”

उन्होंने कहा कि यूपीए की पहचान यही है कि इन्होंने हर मौके को मुसीबत में पलट दिया.

“जब टेक और इनफॉर्मेशन का युग तेजी से बढ़ रहा थो तो ये 2जी में फंसे रहे. सिविल न्यूक्लियर डील की चर्चा थी तो ये कैश फॉर वोट में फंसे रहे. 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स हुए. सीडब्ल्यूजी घोटाले में पूरा देश बदनाम हो गया. इन्होने 9 साल आलोचना करने की जगह आरोप में गंवा दिए.”

मोदी ने कहा, “कभी आर्थिक प्रगति की चर्चा हो.. तो यहां से निकल आरबीआई को गाली. नौ साल में सकारात्मक आलोचना की जगह जबरदस्ती की आलोचना ने ले ली है.”

राहुल ने फिर साधा निशाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में पीएम मोदी के संबोधन के बाद उन पर अडानी के साथ रिश्तों को लेकर एक बार फिर प्रहार किया है. उन्होंने कहा, “मैं संतुष्ट नहीं हूं और पीएम के बयान से सच्चाई का पता चलता है. अगर (अडानी) मित्र नहीं हैं, तो (पीएम) कहते कि ठीक है, इन्क्वायरी करवा देता हूं, लेकिन इन्क्वायरी की बात नहीं हुई.”

उन्होंने दावा किया, “यह नेशनल सिक्योरिटी का मामला है. हिंदुस्तान के इन्फ्रास्ट्रक्चर का मामला है. इसलिए प्रधानमंत्री को कह देना चाहिए कि ठीक है इन्क्वायरी करवाएंगे. यह बहुत बड़ा घपला है, लेकिन नहीं बोला. तो वे उन्हें ज़रूर बचाने की कोशिश कर रहे हैं.”

राहुल गांधी ने कहा-“मैं इसे समझता हूं. डिफ़ेंस इंडस्ट्रीज़ है, वहां कई शेल कंपनी हैं, बेनामी पैसा घूम रहा है, उसके बारे में प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा. इससे क्लियर है कि प्रधानमंत्री उनकी रक्षा कर रहे हैं. उन्हें प्रमोट कर रहे हैं.”

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